सोने की कीमतों ने एक नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना लिया है। 10 ग्राम सोने की कीमत अब ₹95,000 के पार पहुँच गई है, जो भारतीय निवेशकों और आम जनता दोनों के लिए चौंकाने वाली खबर है। यह पहली बार है जब सोने की कीमत इतनी ऊँचाई पर पहुँची है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अब क्या किया जाए – सोना खरीदा जाए, बेचा जाए या होल्ड कर के रखा जाए?
इस सवाल का जवाब ढूँढने के लिए हमें सोने की मौजूदा स्थिति और उसके पीछे छिपे वैश्विक और घरेलू कारणों को समझना जरूरी है।
क्यों बढ़ रही हैं सोने की कीमतें?
वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता, मध्य-पूर्व और यूक्रेन संकट, डॉलर की कमजोरी, और अमेरिका में ब्याज दरों की संभावित कटौती – ये सभी कारण सोने की कीमतों में उछाल ला रहे हैं। निवेशक शेयर बाजार में अस्थिरता और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव से घबराकर सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की ओर भाग रहे हैं।
भारत में भी रुपये की गिरावट, बढ़ती महंगाई और त्योहारी सीजन की मांग ने सोने की कीमत को और हवा दी है। इसके अलावा, सेंट्रल बैंक द्वारा भारी मात्रा में गोल्ड रिज़र्व जमा करने की खबरों ने भी बाजार में तेजी पैदा की है।
क्या अब सोना खरीदना सही रहेगा?

विशेषज्ञों की राय इस पर बंटी हुई है। कुछ मार्केट एनालिस्ट्स मानते हैं कि इस समय सोना खरीदना जोखिमभरा हो सकता है क्योंकि कीमतें बहुत ज्यादा चढ़ चुकी हैं और किसी भी समय इसमें करेक्शन आ सकता है।
हालांकि, अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, और आपका मकसद पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखना है, तो आप SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के ज़रिए धीरे-धीरे निवेश कर सकते हैं। इस तरह आप बाजार की अस्थिरता से बच सकते हैं और औसतन बेहतर रिटर्न पा सकते हैं।
बेचें या होल्ड करें?
अगर आपने पहले ही कम कीमत पर सोना खरीदा है (जैसे ₹60,000-₹70,000 प्रति 10 ग्राम), तो मौजूदा कीमतों पर आंशिक मुनाफा बुक करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि आप पूरी होल्डिंग ना बेचें क्योंकि भविष्य में सोना ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
अगर आपका निवेश अल्पकालिक लाभ के लिए था, तो यह अच्छा मौका हो सकता है। लेकिन अगर आपका निवेश दीर्घकालिक है, तो इसे होल्ड करना बेहतर होगा, खासकर जब तक वैश्विक अनिश्चितता बनी हुई है।
निवेश के विकल्प
अगर आप फिजिकल गोल्ड से बचना चाहते हैं तो गोल्ड ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्पों में भी निवेश कर सकते हैं। ये विकल्प न केवल अधिक सुरक्षित हैं, बल्कि इनमें स्टोरेज का झंझट भी नहीं होता।