दिल्ली और बेंगलुरु में स्कूलों को मिली बम धमकी: जांच और सुरक्षा व्यवस्था विस्तारित

पिछले कुछ दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में 45 से अधिक स्कूलों को बम धमकी मिलने के बाद, अब बेंगलुरु में करीब 40 निजी स्कूलों को धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए। इन सभी घटनाओं की वजह से छात्रों, अभिभावकों और प्रशासन में अत्यधिक चिंता और सतर्कता रही।


📉 घटनाओं का सिलसिला

  • दिल्ली में अलर्ट: 45 से अधिक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों को धमकी भरे ईमेल मिले, जिनमें छात्रों, स्टाफ और अभिभावकों को लेकर तत्काल खतरा जताया गया। इसके बाद बम-निरोधक दस्ते और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की।
  • बेंगलुरु में दहशत: लगभग 40 स्कूलों को धमकी भरे ईमेल भेजे गए, जिनमें यह चेतावनी दी गई थी कि TNT विस्फोटक लगाए गए हैं। शहरभर में स्कूल खाली कराए गए और बम निरोधक दस्तों ने सघन तलाशी अभियान शुरू किया।

🛡️ सुरक्षा बलों की तुरंत प्रतिक्रिया

  • बेंगलुरु पुलिस ने बम स्क्वायड, डॉग स्क्वायड और कई विशेष टीमों को सक्रिय कर दिया।
  • ईमेल की जांच के लिए आईटी सेल और साइबर विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है।
  • दिल्ली और बेंगलुरु में पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण किसी भी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई।

📉 धमकी के पीछे संभावित कारण

  • प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिला है कि ये ईमेल ज्यादातर फर्जी या ‘होक्स’ हो सकते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य डर और अफरा-तफरी फैलाना है।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के साइबर धमकी संदेशों का स्रोत अक्सर वीपीएन या डार्क वेब से जुड़ा होता है।

🧭 सुरक्षा के लिए क्या उपाय जरूरी?

  1. स्कूलों में इमरजेंसी ड्रिल: नियमित सुरक्षा अभ्यास से बच्चों और स्टाफ को तैयार रखना।
  2. साइबर निगरानी: फर्जी ईमेल की पहचान और स्रोत को ट्रैक करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग।
  3. तत्काल रिपोर्टिंग: किसी भी संदिग्ध संदेश की तुरंत पुलिस या साइबर सेल को सूचना देना।
  4. अभिभावकों की जागरूकता: घबराहट फैलाने वाले संदेशों की पुष्टि केवल आधिकारिक चैनलों से करनी चाहिए।

✅ निष्कर्ष

बम धमकी की ये घटनाएं इस बात की याद दिलाती हैं कि सुरक्षा के प्रति जागरूकता और साइबर सुरक्षा दोनों ही आज के समय में बेहद अहम हैं। त्वरित कार्रवाई और तकनीकी निगरानी से ऐसे फर्जी खतरे भी निष्प्रभावी किए जा सकते हैं।