Pahalgam Attack: आतंकियों पर एक्शन की तैयारी, दिल्ली में रक्षा मंत्री की हाई लेवल मीटिंग; अजित डोभाल और CDS अनिल चौहान भी मौजूद

22 अप्रैल 2025 की शाम, जब पर्यटक कश्मीर की वादियों में छुट्टियों का आनंद ले रहे थे, तभी एक भयावह मंजर सामने आया जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने अचानक अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। हमले में कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हुए हैं।

हमला कैसे हुआ?

शाम करीब 5:15 बजे, जब स्थानीय गाइड और टट्टू चालक पर्यटकों को बैसरन घाटी की सैर करा रहे थे, तभी पहाड़ियों के पीछे से तीन से चार सशस्त्र आतंकवादी निकले और फायरिंग शुरू कर दी। हमले का निशाना विशेष रूप से वे टेंट और इलाके थे जहां बड़ी संख्या में सैलानी और स्थानीय मजदूर मौजूद थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ पर्यटकों ने दौड़कर जान बचाई, लेकिन कई लोग गोलियों की चपेट में आ गए। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जिसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी कर इसे “भारत के कब्जे वाले क्षेत्र में विदेशी गतिविधियों के खिलाफ प्रतिशोध” बताया।

**EDS: SCREENSHOT VIA PTI VIDEOS** Anantnag: People react after terrorists attacked a group of tourists at Pahalgam, in Anantnag district, Jammu & Kashmir, Tuesday, April 22, 2025. At least one person has died and 20 suffered injuries in the attack, according to officials. (PTI Photo)(PTI04_22_2025_000386B)

मारे गए और घायल लोग कौन हैं?

  • 24 मृतक भारतीय नागरिक हैं, जिनमें यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के लोग शामिल हैं।
  • 2 विदेशी पर्यटक – एक जर्मन और एक थाई नागरिक की भी मौत हुई है।
  • 2 स्थानीय नागरिकों की भी गोली लगने से मौत हुई।
  • घायल लोगों में एक गर्भवती महिला, चार बच्चे और एक 70 वर्षीय बुजुर्ग भी शामिल हैं।

अमित शाह की त्वरित प्रतिक्रिया

गृह मंत्री अमित शाह ने तत्काल उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ मिलकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। अगले ही दिन वह स्वयं पहलगाम पहुंचे और हमले की जगह का मुआयना किया। उन्होंने स्पष्ट कहा:

“ये हमला देश की एकता पर हमला है। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।”

एनएसजी कमांडो और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।


राजनीतिक माहौल और प्रतिक्रियाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा:

“जो लोग शांति के दुश्मन हैं, उन्हें माफ नहीं किया जाएगा।”

कांग्रेस, आप, और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार से सुरक्षा चूक को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा:

“जब सरकार चुनाव प्रचार में व्यस्त है, तब आतंकियों को मौका मिलता है।”


पर्यटन पर असर और स्थानीय स्थिति

यह हमला उस वक्त हुआ है जब कश्मीर में पर्यटकों की भारी आमद हो रही थी। अप्रैल महीने में घाटी में 5 लाख से अधिक पर्यटक आ चुके थे, जो पिछले वर्षों के मुकाबले एक रिकॉर्ड था। अब पर्यटन विभाग ने अस्थाई रूप से बैसरन घाटी को बंद कर दिया है। कई होटलों में पर्यटकों ने बुकिंग रद्द कर दी है।

स्थानीय गाइड, टट्टू चालक और दुकानदारों ने इसे “रोजी-रोटी पर हमला” बताया है।


सुरक्षा एजेंसियों की जांच और आगे की कार्यवाही

NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी), SIA (स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी), और कश्मीर पुलिस मिलकर इस हमले की जांच कर रही हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि हमले की योजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में तैयार की गई थी, और हमलावर 48 घंटे पहले ही LOC पार कर आए थे।

ड्रोन सर्विलांस, सैटेलाइट इमेजिंग और स्थानीय मुखबिर नेटवर्क को सक्रिय कर दिया गया है।


क्या है कश्मीर में आतंक की नई रणनीति?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला कश्मीर में अमरनाथ यात्रा और लोकसभा चुनावों से पहले डर और अव्यवस्था फैलाने की साजिश है। खास बात यह है कि TRF जैसे संगठन हाइब्रिड टेररिज्म पर काम कर रहे हैं – जहां लोकल युवाओं को सोशल मीडिया और कट्टरपंथी प्रचार के जरिए एक बार के “स्लीपर सेल” के तौर पर एक्टिव किया जाता है।

यह हमला केवल कुछ निर्दोष लोगों पर नहीं था, यह हमला भारत की एकता, शांति और सहिष्णुता पर था। अब समय है कि हम सब मिलकर आतंक के खिलाफ खड़े हों, चाहे वो किसी भी रूप में हो – वैचारिक, धार्मिक या राजनीतिक।