प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज, 30 अप्रैल 2025 को, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। यह बैठक 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
सेना को मिली खुली छूट
29 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में सेना को आतंकवाद पर ‘करारा प्रहार’ करने के लिए खुली छूट दी। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल थे। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार है।

30 अप्रैल की बैठक के मुख्य बिंदु
- आतंकवाद के खिलाफ रणनीति: बैठक में पहलगाम हमले के बाद की स्थिति की समीक्षा की गई और आतंकवाद के खिलाफ भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई।
- पाकिस्तान के साथ संबंधों की समीक्षा: भारत ने पहले ही पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने और सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे कदम उठाए हैं। बैठक में इन निर्णयों की समीक्षा और आगे की कार्रवाई पर विचार किया गया।
- आंतरिक सुरक्षा उपाय: कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाने, संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी, और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अतिरिक्त बलों की तैनाती पर चर्चा हुई।
- अंतरराष्ट्रीय समर्थन: संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग बढ़ाने और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने के उपायों पर विचार किया गया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, और इजराइल सहित कई देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की है और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
पहलगाम आतंकी हमला भारत की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठकें यह संकेत देती हैं कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सख्त और निर्णायक कदम उठाने के लिए तैयार है। सेना को मिली खुली छूट और अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ, भारत आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने की दिशा में अग्रसर है।