भारत सरकार ने अप्रैल 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) से ₹2.37 लाख करोड़ का संग्रह किया, जो अब तक का सबसे अधिक मासिक संग्रह है। यह पिछले वर्ष अप्रैल 2024 के ₹2.10 लाख करोड़ के संग्रह की तुलना में 12.6% की वृद्धि दर्शाता है।
प्रमुख आंकड़े:
- कुल GST संग्रह: ₹2.37 लाख करोड़ (12.6% वार्षिक वृद्धि)
- घरेलू लेनदेन से राजस्व: ₹1.9 लाख करोड़ (10.7% वृद्धि)
- आयातित वस्तुओं से राजस्व: ₹46,913 करोड़ (20.8% वृद्धि)
- जारी किए गए रिफंड: ₹27,341 करोड़ (48.3% वृद्धि)
- नेट GST संग्रह (रिफंड के बाद): ₹2.09 लाख करोड़ (9.1% वृद्धि)
विशेषज्ञों के अनुसार, यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और कर अनुपालन में सुधार का संकेत है। केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख अभिषेक जैन ने कहा, “यह संग्रह आर्थिक गतिविधियों की मजबूती और वर्षांत समायोजन प्रक्रियाओं का परिणाम है” ।
EY इंडिया के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा, “यह रिकॉर्ड संग्रह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित ताकत को दर्शाता है” ।
राज्यवार आंकड़ों में महाराष्ट्र ₹41,465 करोड़ के साथ शीर्ष पर रहा, इसके बाद कर्नाटक ₹17,815 करोड़ और तमिलनाडु ₹13,831 करोड़ के साथ रहे ।
सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में ₹11.78 लाख करोड़ का GST संग्रह है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11% अधिक है ।
यह संग्रह न केवल आर्थिक गतिविधियों की मजबूती का संकेत है, बल्कि सरकार की राजस्व नीति की सफलता का भी प्रमाण है।