भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने कड़े रुख को फिर साबित कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला कर आतंकी सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्यों को मार गिराया। इस कार्रवाई को आतंकी नेटवर्क के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना ने एक निर्णायक कदम उठाते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के कई अहम ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें आतंकी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य मारे गए।
मसूद अजहर, जो लंबे समय से भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है, इस हमले से अंदर तक हिल गया। उसने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “अच्छा होता कि इस हमले में मैं भी मारा जाता।” यह बयान उसकी व्यक्तिगत और भावनात्मक हार को साफ दर्शाता है।
सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, इस हमले से जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। परिवार के सदस्य अक्सर संगठन के आंतरिक कामकाज और वित्तीय गतिविधियों में शामिल होते हैं, इसलिए यह हमला केवल व्यक्तिगत नुकसान नहीं, बल्कि संगठनात्मक क्षति भी है।
हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि आतंकी संगठन अक्सर नए आतंकियों की भर्ती और फंडिंग के जरिए फिर से ताकतवर बनने की कोशिश करते हैं। इसलिए भारत की यह सफलता भले ही अहम हो, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को जारी रखना होगा।
भारत सरकार और सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ उनकी जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है। यह दुनिया को एक मजबूत संदेश भी देता है कि भारत अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।