भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में किए गए आतंकी ठिकानों पर हमलों के बीच, देश की राजनीतिक तस्वीर में भी एक दिलचस्प मोड़ आया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि देश की अखंडता और सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस पूरी तरह मोदी सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब देश की सीमाओं और जनता की सुरक्षा की बात आती है, तो राजनीति से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाना सबसे जरूरी होता है।
खरगे ने कहा, “हमारी राजनीतिक विचारधाराएं भले अलग हों, लेकिन पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि भारत एकजुट है। हम राष्ट्रीय सुरक्षा पर किसी भी तरह का समझौता नहीं कर सकते। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई साझा है, और कांग्रेस इसमें सरकार के साथ है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्ष अक्सर केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करता रहा है, लेकिन इस बार सुरक्षा और आतंकवाद जैसे बड़े मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार के रुख का समर्थन किया है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह समर्थन?
- राजनीतिक एकता का संदेश: अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह दिखाना कि भारत में राजनीतिक दल राष्ट्रीय सुरक्षा पर एकजुट हैं, पाकिस्तान जैसे दुश्मनों को स्पष्ट संदेश देता है।
- सेना का मनोबल बढ़ाना: जब देश की सभी पार्टियां सेना के साथ खड़ी होती हैं, तो जवानों को भी यह महसूस होता है कि उनका बलिदान और परिश्रम पूरे देश का साझा संकल्प है।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव: संयुक्त राष्ट्र या अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति मजबूत होती है जब देश के अंदर राजनीतिक विभाजन नहीं दिखता।
विपक्ष का समर्थन क्यों अहम?
- देश में विपक्ष अक्सर सत्ताधारी सरकार की आलोचना करता है, लेकिन खरगे का यह बयान दिखाता है कि जब बात राष्ट्रीय हितों की होती है, तो राजनीतिक मतभेद पीछे रह जाते हैं।
- इससे यह भी साबित होता है कि आतंकवाद और सीमाओं की सुरक्षा पर भारत में एक मजबूत राजनीतिक सहमति है।