दिल्ली सरकार ने आम जनता की गाढ़ी कमाई को बचाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने विधायकों को मिलने वाली स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (MLA LAD Fund) को घटाकर बड़ा खर्चा कम किया है। इस फैसले से सरकार को कुल 700 करोड़ रुपये की बचत हुई है। ये जानकारी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
पहले क्या व्यवस्था थी?
अब तक दिल्ली सरकार द्वारा हर विधायक को उनके क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए सालाना 10 करोड़ रुपये की निधि दी जाती थी। राजधानी में कुल 70 विधायक हैं, यानी पूरे दिल्ली के लिए यह निधि 700 करोड़ रुपये सालाना होती थी।
अब क्या बदलाव हुआ?
सरकार ने इस निधि को घटाकर सालाना 2 करोड़ रुपये प्रति विधायक कर दिया है। यानी अब सरकार केवल 140 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
➡️ कटौती के बाद बचत: 560 करोड़ रुपये (प्रति वर्ष)
इसके अलावा अन्य खर्चों को भी नियंत्रित किया गया है, जिससे कुल 700 करोड़ रुपये की बचत का दावा किया जा रहा है।
यह पैसा कहां खर्च होगा?
सरकार के अनुसार, यह बचत का पैसा अब स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जाएगा। खासतौर पर सरकारी स्कूलों और अस्पतालों को बेहतर बनाने के लिए इस रकम का इस्तेमाल किया जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
विपक्ष ने इस फैसले पर नाराज़गी जाहिर की है। उनका कहना है कि निधि में कटौती से स्थानीय विकास कार्यों पर असर पड़ेगा। वहीं, सरकार का दावा है कि जनता का पैसा अनावश्यक खर्च में नहीं बहाया जाएगा, और इसे सही जगह उपयोग में लाया जाएगा।
जनता पर असर:
यह फैसला आम जनता के हित में लिया गया है ताकि सरकारी धन का दुरुपयोग रोका जा सके। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इससे स्थानीय स्तर के छोटे विकास कार्य प्रभावित हो सकते हैं।