बिहार की राजनीति में एक बार फिर सियासी तापमान बढ़ गया है। इस बार वजह बनी है एक चिट्ठी और उस पर आया या ना आया जवाब। राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके द्वारा भेजे गए पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया, जिससे प्रशासनिक गंभीरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या है मामला?
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को कई बार पत्र लिखे और जरूरी मुद्दों पर ध्यान देने की मांग की, लेकिन एक बार भी जवाब नहीं मिला। इस रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए तेजस्वी ने सीधा सवाल दागा –
“क्या आप यह आदतन करते हैं या फिर आपके अधिकारियों की करतूत है?”
तेजस्वी का कहना है कि जब वे डिप्टी सीएम थे, तब भी कई मुद्दों पर उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उन पत्रों को भी नजरअंदाज कर दिया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि या तो सीएम जानबूझकर चुप्पी साधे रहते हैं या फिर उनके अधिकारी पत्रों को उन तक पहुंचने ही नहीं देते।
क्या बोले तेजस्वी?
तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा:
“मुख्यमंत्री जी, आपने मेरे एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया। जब मैं सरकार में था तब भी नहीं, और अब भी नहीं। क्या यह आपकी आदत है या फिर आपके सचिवालय के अधिकारियों की गलती है? क्या जनता की समस्याओं से आपका कोई लेना-देना नहीं?”
नीतीश कुमार की चुप्पी
अब तक इस पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उनकी चुप्पी को लेकर विपक्ष में नाराजगी और भी बढ़ गई है। राजद नेताओं का कहना है कि यह लोकतंत्र और प्रशासनिक मर्यादा का उल्लंघन है।
विपक्षी एकता पर असर?
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में लोकसभा चुनाव के बाद नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। जदयू और बीजेपी गठबंधन में हैं, जबकि राजद विपक्ष में बैठा है। ऐसे में तेजस्वी का ये आरोप आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति को और गर्मा सकते हैं।
तेजस्वी यादव का यह हमला सिर्फ एक पत्र का जवाब ना मिलने पर नहीं है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और संवेदनशीलता पर सवाल है। क्या नीतीश कुमार इस चुप्पी को तोड़ेंगे या यह विवाद आगे और बढ़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।