उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लंबे समय से प्रतीक्षित मेट्रो परियोजना को एक नई रफ्तार मिलने की संभावना बन रही है। राज्य सरकार ने हाल ही में देहरादून मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए नए प्रबंध निदेशक (MD) की नियुक्ति की है। इस फैसले के बाद मेट्रो परियोजना को फिर से गति मिलने की उम्मीद की जा रही है, जो अब तक कई कारणों से ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थी।
क्यों अहम है नई MD की नियुक्ति?
देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड और उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अंतर्गत चलने वाली इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए नेतृत्व की बेहद आवश्यकता थी। नए MD की नियुक्ति के साथ ही यह संकेत मिल रहा है कि सरकार अब इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देने के मूड में है। नई नियुक्ति से उम्मीद जताई जा रही है कि आवश्यक स्वीकृतियों, योजनाओं और धन आवंटन की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।
अब तक की स्थिति
देहरादून मेट्रो प्रोजेक्ट की योजना 2017 में बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य शहर में बढ़ती ट्रैफिक समस्या का स्थायी समाधान देना था। प्रोजेक्ट के पहले चरण में राजपुर रोड से रायपुर तक लगभग 11 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनाया जाना है। यह मेट्रो सिस्टम एलिवेटेड रूट पर आधारित होगा और इसमें आधुनिक यात्री सुविधाएं भी शामिल होंगी।
सामने हैं कई चुनौतियां
हालांकि नई नियुक्ति से उम्मीदें जगी हैं, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। फंडिंग, भूमि अधिग्रहण, तकनीकी समीक्षा और पर्यावरणीय स्वीकृतियां जैसी प्रक्रियाएं अभी भी इस परियोजना के आगे बढ़ने में बड़ी बाधाएं हैं। वहीं, स्थानीय लोगों की सहमति और हितधारकों के बीच तालमेल बैठाना भी एक बड़ी जिम्मेदारी होगी।
देहरादून मेट्रो प्रोजेक्ट उत्तराखंड की राजधानी को आधुनिक परिवहन प्रणाली देने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है। नए MD की नियुक्ति ने उम्मीद की एक नई किरण जगाई है। यदि यह परियोजना सुचारू रूप से आगे बढ़ती है तो देहरादून न केवल एक स्मार्ट सिटी के रूप में उभरेगा, बल्कि राज्य के अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।