शुरुआत में छाया सन्नाटा
फिल्म “कांतारा” के दूसरे भाग की शूटिंग के दौरान पिछले कुछ समय में जो घटनाएं घटी हैं, उसने पूरी यूनिट को झकझोर कर रख दिया है।
अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और हाल ही में एक और बड़ा हादसा होते-होते टल गया।
नवीनतम हादसा: नाव पलटने से मची अफरा-तफरी
कर्नाटक के शिवमोग्गा ज़िले के मणि जलाशय में रिषभ शेट्टी समेत करीब 30 लोग एक नाव पर सवार थे, जब अचानक नाव पलट गई। सौभाग्य से सभी लोग सुरक्षित बाहर आ गए।
हालांकि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, मगर इससे कुछ ही दिन पहले एक क्रू सदस्य की मौत हो चुकी थी, जिससे टीम पहले ही सदमे में थी।
अब तक किनकी गई जान?
- प्रोडक्शन असिस्टेंट (2024) – रिपोर्ट्स के अनुसार, एक असिस्टेंट की डूबने से मौत हो गई थी।
- लाइटिंग टीम सदस्य (2025) – शूटिंग के दौरान करंट लगने की घटना में उनकी जान चली गई।
- तकनीशियन (हाली घटना) – हाल ही में एक और तकनीशियन की प्राकृतिक कारणों (संभवत: दिल का दौरा) से मौत हो गई।
इन मौतों के कारण सेट पर भय, थकावट और मानसिक दबाव का माहौल फैल गया है।
सेट पर असुरक्षा का सवाल
लगातार हो रहे हादसों ने फिल्म निर्माण में सेट सुरक्षा मानकों की खामियों को उजागर किया है।
बार-बार की घटनाओं से ये सवाल उठ रहे हैं:
- क्या जोखिम मूल्यांकन किया गया था?
- क्या क्रू को आपातकालीन ट्रेनिंग दी गई थी?
- और सबसे अहम: क्या किसी जिम्मेदार को अब तक जवाबदेह ठहराया गया?
निर्माता और स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
हाल की नाव पलटने की घटना के बाद प्रशासन ने निर्माण कंपनी को नोटिस भेजा है।
फिल्म के निर्माता Hombale Films ने इन घटनाओं को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है और कहा है कि वे अब सुरक्षा उपायों को और सख्त करेंगे।
निष्कर्ष
“कांतारा” एक लोकप्रिय फिल्म ब्रांड बन चुका है, लेकिन इसके दूसरे भाग की शूटिंग अब एक शोकग्रस्त सफर बनती जा रही है।
क्रू की जान की कीमत पर रचनात्मकता को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। यह समय है जब फिल्म इंडस्ट्री को सेट सुरक्षा और कर्मचारियों की भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।