फाइनेंस वर्ष 2024-25 की ITR फाइलिंग के साथ कई नए बदलाव आए हैं। यदि आप सैलरीड वर्ग से संबंधित हैं, तो इन बदलावों को समझना आवश्यक है ताकि आप ट्रैक पर रहें और टैक्स से जुड़ी किसी भी परेशानी से बच सकें।
1. सही ITR फॉर्म चुनना
- यदि आपकी सैलरी, एक घर की आय, बैंक ब्याज और कृषि आय ₹5,000 तक ही है, तो ITR-1 (SAHAJ) उपयुक्त रहेगा।
- लेकिन यदि आपने स्टॉक्स या म्युचुअल फंड से LTCG (उदा. ₹1.25 लाख तक) कमाया है, या दो से अधिक प्रॉपर्टी हैं, तो ITR-2 का विकल्प चुनें।
2. टैक्स रीजीम का चयन
- वर्तमान में आप पुराना टैक्स रीजीम (जो विभिन्न टैक्स-छूट के साथ आता है) या नया टैक्स रीजीम (कम स्लैब दरें पर आधारित) में से चुन सकते हैं।
- यदि आपने HRA, HBL, सेक्शन 80C, 80D जैसी छूटों का लाभ लिया है, तो पुराना रीजीम फायदे का सौदा हो सकता है।
- नया रीजीम उन लोगों के लिए श्रेष्ठ हो सकता है जिनके पास ये किराए और छूटें नहीं हैं।
3. दस्तावेजों की तैयारी
फाइलिंग से पहले ये दस्तावेज़ हाथ में रखने चाहिए:
- Form 16 (अपने और पिछले नियोक्ता का)
- Form 26AS और AIS
- बैंक स्टेटमेंट और TDS सर्टिफिकेट
- रेंट एग्रीमेंट, HRA विवरण
- PPF/ELSS/EPF निवेश और पुलिसी डिटेल्स
- स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम विवरण
4. नए ITR-Utility वेलिडेशन नियम
सरकार ने ITR-1 और ITR-4 (SUGAM) के लिए Excel–Utility में सख्त जांच लागू की है।
अब इंश्योरेंस, होम लोन, HRA, इलेक्ट्रिक वाहन लोन, चिकित्सा खर्चों आदि की जानकारी सही कॉलम में भरना अनिवार्य हो गया है।
गलत प्रविष्टि या रिपोर्ट छूटने पर फाइल रिटर्न अस्वीकार हो सकता है।
5. ITR‑फाइलिंग की नई तारीख
अब तक सामान्यतः 31 जुलाई दी जाती थी, लेकिन इस वर्ष फाइलिंग की अंतिम तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है। इसका उद्देश्य नए दस्तावेज़-रिलेटेड बदलावों के लिए समय देना है।
6. न्यूनतम ITR स्थिति
चाहे आपकी कुल आय टैक्स–छूट सीमा के नीचे क्यों न हो, कुछ मामलों में आपको ITR देना जरूरी होता है:
– यदि आपके बैंक/क्रेडिट खर्च ₹50 लाख से अधिक हों,
– विदेश यात्राओं की खर्च सीमा ₹2 लाख से अधिक हो,
– या स्टॉक, FD ब्याज, आदि आय की प्रविष्टि हो चुकी हो।
इसलिए केवल सैलरी से परे प्रवेशों को भी ध्यान में रखना अनिवार्य है।
7. निवेश और टैक्स प्लानिंग
नया टैक्स रीजीम चुनने पर हो सकता है कि कुछ निवेश छूट न मिले, लेकिन PPF, ELSS, SSY जैसे निवेश टैक्स–बचत के साथ-साथ लॉन्ग–टर्म फायदे भी देते हैं।
इसलिए आपका टैक्स निर्धारण सिर्फ बचत नहीं, बल्कि वित्तीय अनुशासन और भविष्य–निर्माण का हिस्सा होना चाहिए।
निष्कर्ष
ITR फाइलिंग अब केवल एक अनिवार्य प्रक्रिया नहीं, बल्कि आपकी वित्तीय सटीकता और नियोजन क्षमता की परीक्षा बन गई है।
सही फॉर्म का चयन, प्रामाणिक दस्तावेज, योग्य टैक्स रीजीम, विवरणात्मक इन्वेस्टमेंट और समयबद्ध फाइलिंग—ये सभी कदम आपकी टैक्स यात्रा को आसान, सुरक्षित और भविष्य के लिए मज़बूत बनाएंगे।