15 जून 2025 को दोपहर के समय पुणे के टालेगांव इलाके में इंद्रायणी नदी पर बना एक पैदल यात्री पुल अचानक भरभराकर गिर गया।
इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए। घटना के वक्त भारी बारिश हो रही थी और पुल पर काफी भीड़ थी।
कैसे हुआ हादसा
यह पुल लगभग 30 साल पुराना था और पहले ही ‘खतरनाक स्थिति’ में घोषित किया जा चुका था।
इसके बावजूद, बड़ी संख्या में लोग पुल पर मौजूद थे — कुछ पैदल, कुछ बाइक पर सवार।
भारी भार और लगातार बारिश के कारण पुल का एक हिस्सा टूट गया और कई लोग नदी में गिर गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की कार्रवाई
NDRF, स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग ने तेजी से राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
लोगों को नदी से निकालने के लिए नावों और रस्सियों का सहारा लिया गया।
जिला प्रशासन ने मृतकों के परिवार को मुआवज़ा देने और घायलों का मुफ्त इलाज सुनिश्चित करने की घोषणा की।
सवाल उठाता प्रशासनिक रवैया
यह पुल पहले ही जर्जर घोषित किया जा चुका था।
इसके बावजूद, समय रहते कोई वैकल्पिक रास्ता या चेतावनी नहीं दी गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को कई बार पत्र लिखे गए थे, लेकिन मरम्मत नहीं हुई।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए पूरे पुणे जिले में स्थित पुराने पुलों की तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए कि जिन पुलों की स्थिति खराब है, उन्हें तुरंत सील किया जाए।
स्थानीय लोगों की बहादुरी
घटना के बाद आसपास मौजूद ग्रामीणों और स्थानीय युवाओं ने भी घायलों को बचाने में अहम भूमिका निभाई।
कुछ लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर नदी में कूदकर डूब रहे बच्चों और बुजुर्गों को बाहर निकाला।
क्या लिया जाएगा सबक?
यह हादसा एक और उदाहरण है कि कैसे अव्यवस्था, लापरवाही और समय पर कार्रवाई न होने के कारण निर्दोष लोगों की जान चली जाती है।
अब ज़रूरत है ठोस कार्रवाई की, ताकि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।