13 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस भयावह हादसे में दर्जनों जानें गईं और कई घायल हुए। अब जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही प्राथमिक जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे हैरान करने वाले हैं।
प्रारंभिक जांच में क्या सामने आया?
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि विमान के मुख्य विद्युत प्रणाली (Main Electrical System) में अचानक विफलता (failure) आ गई थी। इससे विमान की नेविगेशन, कम्युनिकेशन और कॉकपिट कंट्रोल से जुड़ी कई महत्वपूर्ण प्रणालियाँ एकसाथ बंद हो गईं।
- बैकअप सिस्टम (Emergency Power Units) सक्रिय हुए, लेकिन वे समय रहते पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पाए।
- विमान लैंडिंग की प्रक्रिया में था, और कम ऊंचाई पर सिस्टम फेल होने से पायलट को रद्दी विकल्पों के साथ स्थिति का सामना करना पड़ा।
फ्लाइट AI-171 के बारे में जानकारी
यह विमान सैन फ्रांसिस्को से मुंबई जा रहा था, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे अहमदाबाद डायवर्ट किया गया था।
- पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को आपातकाल (Mayday) कॉल किया था।
- संपर्क टूटने के कुछ मिनटों बाद विमान रनवे से कुछ दूरी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
DGCA और एयर इंडिया की भूमिका
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और एयर इंडिया की संयुक्त टीम जांच कर रही है।
- ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का विश्लेषण किया जा रहा है।
- सूत्रों के अनुसार, “पावर फेल्योर” इस दुर्घटना का प्रमुख तकनीकी कारण माना जा रहा है।
परिवारों का दुख और मुआवज़ा
सरकार और एयर इंडिया ने मृतकों के परिवारों के लिए आर्थिक सहायता और राहत की घोषणाएं की हैं।
- मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख तक की सहायता दी जा रही है।
- घायलों का इलाज एयर इंडिया के खर्च पर किया जा रहा है।
निष्कर्ष
AI-171 की दुर्घटना एक गहरी तकनीकी विफलता की ओर संकेत करती है, जो भारत के उड्डयन तंत्र को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता को उजागर करती है। मुख्य विद्युत प्रणाली का फेल होना केवल तकनीकी चूक नहीं, बल्कि हवाई सुरक्षा के प्रति गहन चिंता का विषय है।