भारतीय मूल के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 25 जून 2025 को दोपहर 12:01 बजे IST पर अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए। यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि यह 41 वर्षों बाद है जब कोई भारतीय नागरिक, जो कि भारतीय वायुसेना से जुड़े रहे हैं, अंतरिक्ष की यात्रा कर रहा है।
1. कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के पूर्व पायलट हैं। वे भारतीय वायुसेना के टॉप टेस्ट पायलटों में गिने जाते हैं और अत्यधिक तकनीकी पृष्ठभूमि रखते हैं। उन्होंने HAL और DRDO के साथ भी काम किया है। Axiom Space द्वारा चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में वे शामिल हैं।
2. मिशन का नाम क्या है?
मिशन का नाम है Axiom-4 (Ax-4)। इसे अमेरिकी कंपनी Axiom Space और NASA के सहयोग से संचालित किया गया है।
3. लॉन्च वाहन कौन सा है?
यह मिशन SpaceX के Falcon 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया है। Falcon 9 वर्तमान में दुनिया के सबसे सफल और पुनः उपयोग किए जाने वाले लॉन्च वाहनों में से एक है।
4. कहाँ से लॉन्च हुआ?
लॉन्च स्थल था:
Kennedy Space Center, Florida (Launch Pad 39A)
यह वही स्थल है जहां से NASA के ऐतिहासिक अपोलो मिशन लॉन्च किए गए थे।
5. अंतरिक्ष में कितने दिन रहेंगे?
Axiom-4 मिशन का कुल अंतरिक्ष प्रवास समय है 14 दिन। इस दौरान सभी यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में रहेंगे और विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे।
6. मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
- सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (Microgravity) में वैज्ञानिक प्रयोग
- अंतरिक्ष व्यापार और वाणिज्यिक परीक्षण
- शिक्षा और अनुसंधान परियोजनाएं
- अंतरिक्ष यात्रा को आम नागरिकों के लिए सुलभ बनाना
7. क्या यह ISRO मिशन है?
नहीं, यह मिशन ISRO से संबंधित नहीं है। शुभांशु शुक्ला ने यह यात्रा निजी अमेरिकी कंपनी Axiom Space के माध्यम से की है, लेकिन उनकी पृष्ठभूमि भारतीय वायुसेना से है।
8. भारत के लिए इसका महत्व
- यह 1984 में राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा के बाद पहला मौका है जब भारतीय मूल का वायुसेना अधिकारी अंतरिक्ष में गया है।
- यह भारत की वैश्विक अंतरिक्ष भागीदारी की दिशा में एक और मील का पत्थर है।
- यह मिशन नई पीढ़ी को अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति प्रेरित करेगा।
9. मिशन में अन्य यात्री कौन हैं?
Axiom-4 मिशन में चार यात्री हैं, जिनमें एक कमांडर, एक पायलट और दो मिशन स्पेशलिस्ट शामिल हैं। ये सभी अंतरराष्ट्रीय पृष्ठभूमियों से हैं और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ हैं।
10. भारत में क्या प्रतिक्रिया?
मिशन को लेकर सोशल मीडिया, वैज्ञानिक समुदाय और आम जनता में उत्साह और गर्व की भावना है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर वैज्ञानिक संस्थानों ने शुभकामनाएं दी हैं और यह उम्मीद जताई है कि यह मिशन भारत के अंतरिक्ष सहयोग को नई ऊंचाई देगा।
निष्कर्ष
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत की अंतरिक्ष वैज्ञानिक विरासत, वैश्विक सहयोग और नवाचार की नई राह को दर्शाती है। Axiom-4 जैसे निजी मिशन यह भी दिखाते हैं कि अब अंतरिक्ष केवल सरकारी एजेंसियों की सीमित पहुंच में नहीं रहा, बल्कि वैश्विक नागरिक भागीदारी का क्षेत्र बनता जा रहा है।