सूरत में तबाही — क्या हो रहा है?
- सड़कें नदी में तब्दील हो गई हैं, सिमाडा, सरथाना, गोडदारा जैसे इलाके बाढ़ की चपेट में हैं; कई लोग घरों में फंसे रहे ।
- रेलवे अंडरपास व हाईवे जलमग्न; बस सेवाएं बाधित; स्कूल–कॉलेज बंद किए गए और राहत कार्य तेज किए गए ।
- कुछ इलाकों में लोग ट्रैक्टर या नाव से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाए गए ।
- 18‑साल के एक युवक को तेज बहाव में बह जाने की घटनाएं भी सामने आईं; राहत एवं बचाव जारी हैं ।
मध्य गुजरात में स्थिति
- नवसारी, वलसाड, भावनगर और अमरेली जिलों में भी अत्यधिक बारिश से हालात बिगड़े हैं।
- तापी नदी तथा आसपास की खाड़ियों ने उफान भरा, जबकि बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ा ।
- भारी बारिश के बीच गुजरात सरकार ने रेड तथा ऑरेंज अलर्ट जारी किया है—शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी गई है ।
आपात कदम और तैयारी
- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 12 टीमें गुजरात में मुस्तैदी से तैनात रही, जिनमें से एक सूरत में कार्यरत थी ।
- मुख्यमंत्री ने कंट्रोल रूम लगातार सक्रिय रखने, एनडीआरएफ–एसडीआरएफ अलर्ट मोड में रखने, और रेलवे-रोड नेटवर्क की स्थिरता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे ।
- पर्यवेक्षकों ने बैन की विस्तार समीक्षा की और नाव, ट्रैक्टर आदि से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।
अगले 2‑3 दिन अहम
-वर्तमान मौसम प्रणाली के तहत IMD ने 28 जून तक सूरत, नवसारी, वलसाड में भारी बारिश की संभावना जताई है, जबकि अहमदाबाद और वडोदरा नए तूफान से प्रभावित हो सकते हैं
निष्कर्ष
यह मानसून अब तक के सबसे तेज़ और प्रचंड पाया गया है। बाढ़ और जलजमाव ने सड़कों, बस्तियों और सुविधाओं पर भारी विपरीत प्रभाव डाला है। राहत कार्य, पूर्व तैयारी और निगरानी अहम हैं, लेकिन यह परिस्थिति यह भी दिखाती है कि शहर में बुनियादी संरचना और जल निकासी व्यवस्थाओं को अभी और मजबूत करने की जरूरत है।