क्या हुआ?
गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) जिले में कांवड़ यात्रा और सावन शिवरात्रि के चलते 23 जुलाई को स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी हुआ। इसमें क्लास 1 से 12 तक के सभी सरकारी, निजी एवं मान्यता प्राप्त स्कूल शामिल हैं। मुख्य कारण यात्री‑भीड़ और ट्रैफिक की सुरक्षा और प्रबंधन के मद्देनजर यह फैसला लिया गया।
🌦️ ऑनलाइन पढ़ाई का आयोजन
22 जुलाई को कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था की, जिससे अकादमिक निरंतरता बनी रहे। 23 जुलाई को अवकाश रहेगा, फिर 24 जुलाई से शारीरिक कक्षाएं पुनः शुरू होंगी।
🚗 बड़े ट्रैफिक और भीड़ की चुनौती
कांवड़ यात्रा एक विशाल धार्मिक आयोजन है, जिससे भारी ट्रैफिक पैदा होता है। जिला प्रशासन का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए और यात्री‑वाहनों के बीच संभावित जाम से बचने के लिए अवकाश आवश्यक है।
👩🏫 शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूलों की प्रतिक्रिया
अधिकांश अभिभावकों और शिक्षकों ने इस निर्णय को सकारात्मक कदम बताया, क्योंकि इससे बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता मिली। हालांकि कुछ ने सुझाव दिया कि बेहतर योजना से पढ़ाई प्रभावित हुए बिना भीड़‑जाम में कमी लाई जा सकती थी।
🧭 अन्य संदर्भ और राज्यों में स्थिति
उप्र के कई जिलों – जैसे गाज़ियाबाद, मीरट, मुज़फ्फरनगर – में 16 जुलाई से 23 जुलाई तक स्कूल बंद थे। अन्य राज्यों जैसे तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल में अलग‑अलग कारणों से 23 जुलाई को अवकाश घोषित हुआ।
✅ अभिभावकों के लिए सुझाव
- ऑनलाइन कक्षाओं की जानकारी स्कूलों से नियमित जांचें।
- यदि स्कूल भेजना जरूरी हो तो सुरक्षा मार्ग और समय-सारिणी पहले से सुनिश्चित करें।
- ट्रैफिक अपडेट (जैसे: DND फ्लाइवे, एक्सप्रेसवे हालात) की निगरानी करें।
✍️ निष्कर्ष
23 जुलाई को नोएडा में स्कूल बंदी — चाहे वह कांवड़ यात्रा हो या सावन शिवरात्रि — एक व्यावहारिक और आवश्यक कदम है। इससे न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है, बल्कि भीड़‑भीड़ को नियंत्रित कर प्रशासनिक कार्यों में आसानी भी मिलती है। ऑनलाइन पढ़ाई ने संतुलन बनाते हुए अकादमिक बाधा को कहीं अधिक सहज बनाया है।