18–19 जुलाई की रात भारी बारिश ने राजस्थान के अजमेर जिले को बाढ़ जैसी आपदा से रूबरू कर दिया। आनासागर झील का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया, सड़कों, गलियों और घरों में पानी भर गया, और दैनिक जीवन पूरी तरह से ठप हो गया।
📌 जानिए क्या हुआ:
- शनिवार सुबह से ही 72–79 मिमी (3 इंच) बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण रेड अलर्ट जारी किया गया और स्कूल बंद कर दिए गए।
- प्रमुख बाजारों, अस्पतालों और सरकारी कार्यालयों के पास पानी का स्तर लगभग 1.5 मीटर तक पहुंच गया।
- मोटर वाहन, रिक्शा और दुकानें पानी में डूब गईं—कुछ जगहों पर नावों और बचाव टीमों की मदद से राहत कार्य चलाए गए।
- आनासागर झील का जलस्तर कई वर्षों में सबसे ऊँचे स्तर पर पहुंच गया है, जिससे बाँधों के गेट खोलने की संभावना जताई जा रही है।
🛟 प्रशासन की आपात प्रतिक्रिया
- जिला प्रशासन ने स्कूलों को बंद कर दिया और नागरिकों को जल-जमाव वाले क्षेत्रों से दूर रहने की चेतावनी दी।
- आपदा प्रतिक्रिया टीम (SDRF) और स्थानीय पुलिस ने पानी निकासी और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
- सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा गया कि तेज बहाव में वाहन और लोग बहते हुए दिखाई दिए, जिनका समय पर बचाव किया गया।
🌪️ बाढ़ की वजह और बढ़ता खतरा
कारण | विवरण |
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अत्यधिक बारिश | लगातार कई घंटों तक मूसलाधार बारिश हुई। |
नाले अवरुद्ध | ड्रेनेज सिस्टम की कमी और नालों की सफाई न होने से पानी निकासी बाधित हुई। |
झील का उफान | आनासागर झील का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे आसपास के इलाकों में जलभराव हुआ। |
भौगोलिक संवेदनशीलता | शहर की प्लानिंग और बुनियादी ढांचे की कमी ने संकट बढ़ा दिया। |
👥 नागरिकों की प्रतिक्रिया
- कई लोग अपने वाहनों को पानी में फंसा छोड़ने पर मजबूर हुए और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए।
- कुछ बहादुर नागरिकों और होटल कर्मचारियों ने फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की।
- सोशल मीडिया पर प्रशासन की त्वरित बचाव कार्रवाई की सराहना भी की जा रही है।
📝 आगे की तैयारी
- ड्रेनेज सिस्टम में सुधार: नालों की सफाई और रोड लेवलिंग को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- जल प्रबंधन: झीलों की क्षमता बढ़ाने और समय रहते गेट खोलने की योजनाएं लागू करनी होंगी।
- स्मार्ट अलर्ट सिस्टम: भारी बारिश की चेतावनी मिलते ही स्कूल और कार्यालयों को बंद करने का प्रावधान होना चाहिए।
- सार्वजनिक जागरूकता: नागरिकों को आपदा प्रबंधन के तरीकों और सतर्कता उपायों की जानकारी दी जानी चाहिए।
✅ निष्कर्ष
अजमेर में हुई यह भारी बारिश शहर की अवसंरचना और आपदा प्रबंधन प्रणाली पर सवाल खड़े करती है।
भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए बेहतर योजनाएं, मजबूत ड्रेनेज सिस्टम और आपदा प्रबंधन की तैयारी बेहद जरूरी है।