पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर द्वारा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को दिया गया एक फ्रेम किया गया फोटो अब विवादों में है। कहा जा रहा है कि यह तस्वीर नकली है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। वहीं, AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुद्दे पर कड़ा तंज कसा है।
पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने हाल ही में प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को एक फ्रेम की गई तस्वीर भेंट की, जिसमें वे कुवैत की संसद को संबोधित करते दिख रहे हैं। लेकिन यह तस्वीर अब विवादों में है, क्योंकि कहा जा रहा है कि यह तस्वीर असली नहीं, बल्कि फर्जी या मॉर्फ की गई है।
नकली तस्वीर का मामला
इस तस्वीर को पाकिस्तान के सरकारी चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ‘राजनयिक सफलता’ के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया गया। लेकिन जल्द ही सोशल मीडिया यूज़र्स और स्वतंत्र पत्रकारों ने इस तस्वीर में गड़बड़ियां पकड़ लीं। जांच में सामने आया कि कुवैत की संसद में शाहबाज शरीफ ने ऐसा कोई औपचारिक भाषण नहीं दिया था।
इससे तस्वीर की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे और यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
ओवैसी का तीखा तंज
इस विवाद पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी तंज कसते हुए कहा कि अगर इस तरह की ‘बनावटी कूटनीति’ से देश की छवि बनाई जा रही है तो यह शर्मनाक है। उन्होंने इशारों-इशारों में पाकिस्तान की विदेश नीति और सेना-सरकार की आपसी सामंजस्य पर भी सवाल उठाए।
विपक्ष का हमला
पाकिस्तान में विपक्षी दल, खासकर इमरान खान की पार्टी PTI, ने इस मुद्दे को लेकर शाहबाज सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने इस मामले को ‘राष्ट्रीय शर्म’ करार दिया और पूछा कि सेना प्रमुख किस आधार पर ऐसा ‘तोहफा’ दे रहे हैं, जो सच्चाई से परे है।
सोशल मीडिया पर मजाक
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर मीम्स और व्यंग्य की बाढ़ आ गई है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या अब पाकिस्तान की विदेश नीति फोटोशॉप पर आधारित है। जनता के बीच इस घटना ने सरकार और सेना की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना बताती है कि केवल छवि सुधारने की कोशिशें अगर झूठ के आधार पर हों, तो वे उल्टा असर डालती हैं। पाकिस्तान को इस वक्त पारदर्शिता, सच्चाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भरोसेमंद छवि की ज़रूरत है — न कि ‘नकली फोटो’ जैसे प्रचार हथकंडों की।