भारत और तुर्की के बीच हालिया कूटनीतिक तनाव और सोशल मीडिया पर चल रहे ‘Boycott Turkey’ अभियान के बीच अब देश की राजधानी दिल्ली में स्थित ‘अतातुर्क मार्ग’ का नाम बदलने की मांग ज़ोर पकड़ रही है। कई नागरिकों, सामाजिक संगठनों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने सुझाव दिया है कि इस मार्ग का नाम ‘ब्रह्मोस मार्ग’ रखा जाए – जो भारत की सैन्य शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
तुर्की पर क्यों है नाराज़गी?
तुर्की लगातार पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है – चाहे वो कश्मीर मुद्दा हो या संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ बयान। हाल ही में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने फिर से कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया। इससे नाराज़ भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स ने ‘Boycott Turkey’ का अभियान छेड़ दिया।
क्या है ‘अतातुर्क मार्ग’?
अतातुर्क मार्ग नई दिल्ली का एक प्रमुख मार्ग है, जो तुर्की के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क के नाम पर रखा गया था। यह भारत-तुर्की दोस्ती का प्रतीक था, लेकिन मौजूदा हालातों में इसका विरोध होने लगा है।
क्यों ‘ब्रह्मोस मार्ग’?
‘ब्रह्मोस’ भारत और रूस के सहयोग से विकसित की गई एक सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है। यह देश की सैन्य ताकत का एक अहम हिस्सा है। नाम बदलकर ‘ब्रह्मोस मार्ग’ रखने की मांग भारत की रणनीतिक आत्मनिर्भरता और राष्ट्रवाद को दर्शाती है।
लोगों की प्रतिक्रियाएं:
- “जब तुर्की लगातार पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है, तो दिल्ली में उसके नेता का नाम क्यों?”
- “ब्रह्मोस भारत की शक्ति और स्वाभिमान का प्रतीक है। यही नया नाम होना चाहिए।”
नाम बदलने की यह मांग अभी राजनीतिक या सरकारी स्तर पर औपचारिक नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रही है। आने वाले दिनों में यह मांग किसी याचिका या राजनीतिक मुद्दे का रूप भी ले सकती है।