विषय: आयकर रिटर्न | मार्गदर्शन और सावधानी | Clarifeed
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना एक आवश्यक प्रक्रिया है, लेकिन छोटी-छोटी गलतियां भी अब बड़ी परेशानियों का कारण बन सकती हैं। आयकर विभाग अब पहले से कहीं ज्यादा सतर्क है और टेक्नोलॉजी के जरिए हर लेन-देन पर नजर रख रहा है। ऐसे में जरूरी है कि आप ITR भरते समय पूरी सावधानी बरतें।
⚠️ आम गलतियां जो ITR में नहीं होनी चाहिए
1. AIS और 26AS रिपोर्ट को नजरअंदाज करना
बैंक ब्याज, डिविडेंड, शेयर ट्रेडिंग, प्रॉपर्टी डील—इन सभी का रिकॉर्ड AIS (Annual Information Statement) और 26AS में होता है। अगर आप ITR में इनको शामिल नहीं करते, तो mismatches के कारण तुरंत नोटिस आ सकता है।
2. TDS कटा लेकिन आय नहीं दिखाई
अगर किसी स्रोत से TDS कट रहा है, तो उसका मतलब यह नहीं कि उस आय को छुपाया जा सकता है। विभाग इन आंकड़ों को स्वतः क्रॉस-चेक करता है।
3. गलत टैक्स स्लैब या छूट का दावा करना
पुरानी या नई टैक्स रिजीम का सही चुनाव न करना, या ऐसी छूटों का दावा करना जो पात्रता से बाहर हैं, एक बड़ा जोखिम है।
4. शेयर, म्युचुअल फंड, या क्रिप्टो से कमाई को नहीं दिखाना
कैपिटल गेन या डिजिटल एसेट्स से होने वाली कमाई को छुपाना अब लगभग असंभव है। विभाग सभी ब्रोकर्स और एक्सचेंज से आंकड़े ले रहा है।
5. बड़ी नकद लेन-देन को छुपाना
नकद में बड़ा लेन-देन (जैसे 2 लाख से अधिक जमा या निकासी), गहनों की खरीद, या प्रॉपर्टी डील—इन सबका लेखा-जोखा सिस्टम में होता है। इन्हें ITR में शामिल करना जरूरी है।
✅ नोटिस और छापे से कैसे बचें?
✔️ ITR भरने से पहले यह कदम जरूर लें:
- 26AS और AIS स्टेटमेंट को ध्यानपूर्वक पढ़ें और मिलान करें
- सभी स्रोतों की आय, ब्याज, बोनस, डिविडेंड, आदि को शामिल करें
- शेयर, म्युचुअल फंड और क्रिप्टो ट्रांजैक्शन की जानकारी ठीक से भरें
- नकद लेन-देन और हाई-वैल्यू खर्चों को न छुपाएं
- Form 16, 16A, और अन्य डॉक्यूमेंट्स का पूरी तरह उपयोग करें
- कोई भी जानकारी छुपाने की कोशिश न करें — विभाग AI आधारित सिस्टम से सब ट्रैक कर सकता है
📌 अतिरिक्त सावधानियां
- गलत ITR फॉर्म चुनने से बचें
- अंतिम तारीख से पहले ही फाइल करें
- अगर संशोधन की जरूरत हो तो Revised Return जरूर भरें
- टैक्स की गणना में त्रुटि न हो—CA या विशेषज्ञ की मदद लें
🔍 निष्कर्ष
इनकम टैक्स विभाग अब पूरी तरह डिजिटल और डेटा-ड्रिवन हो चुका है। आय को छुपाना या जानकारी गलत देना अब जोखिम भरा है। हर टैक्सदाता को चाहिए कि वह पारदर्शिता और ईमानदारी से ITR भरे ताकि नोटिस या छापे की नौबत ही न आए।