📌 घटना की पृष्ठभूमि
4 जुलाई 2025 की रात पटना के गांधी मैदान क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ व्यापारी नेता गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावरों ने रात लगभग 11:40 बजे बाइक से आकर गोलीबारी की और मौके से फरार हो गए। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया, जिसमें हमले की बर्बरता साफ़ दिखती है।
🚨 पुलिस कार्रवाई और जांच
घटना के तुरंत बाद बिहार पुलिस ने एसआईटी गठित कर जांच तेज़ कर दी। फॉरेंसिक टीम, स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और CID को भी जांच में लगाया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद मामले पर रिपोर्ट तलब की और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
🔍 मुख्य आरोपी और गिरफ्तारियां
मुख्य आरोपी विकास उर्फ राजा को पटना के धनारिया घाट इलाके में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया। पुलिस का कहना है कि राजा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए गोलीबारी की थी, जिसके जवाब में वह मारा गया।
एक अन्य महत्वपूर्ण गिरफ्तारी हुई अशोक साव की, जो एक लोहे के व्यवसायी हैं। आरोप है कि उन्होंने 10 लाख रुपये की सुपारी देकर शूटर उमेश यादव को हत्या के लिए नियुक्त किया था। यह भी सामने आया कि अशोक साव लालू यादव के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन नायक के मकान में किराएदार थे, जिससे राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया।
⚖️ राजनीतिक विवाद
इस मामले ने राजनीतिक मोड़ तब लिया जब जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आरोप लगाया कि आरजेडी के प्रभाव वाले लोगों से जुड़े आरोपी इस हत्याकांड में शामिल हैं। उन्होंने लालू यादव के CA के घर में आरोपी के किराए पर रहने को लेकर सवाल खड़े किए।
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार को कानून व्यवस्था पर घेरा। कई नेताओं ने इस घटना को “जंगलराज की वापसी” करार दिया।
💬 व्यापारी वर्ग में भय
व्यापारिक समुदाय में इस हत्याकांड के बाद जबरदस्त आक्रोश है। पटना, हाजीपुर और वैशाली जैसे शहरों में व्यापारियों ने बंद और प्रदर्शन किए। उनका कहना है कि व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के नाम पर इस प्रकार की हत्याएं डर का माहौल बना रही हैं और निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा है।
🧭 निष्कर्ष
गोपाल खेमका की हत्या न केवल एक व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता का मामला बनकर रह गई है, बल्कि इसने बिहार की कानून-व्यवस्था, राजनीति और अपराध के गठजोड़ को भी उजागर कर दिया है। प्रशासन को अब यह साबित करना है कि राज्य में कानून का राज है, और राजनीति के दबाव से ऊपर उठकर न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।