पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर हिंसा की लहर देखने को मिली है, जहां चार पंजाबी मूल के ट्रक ड्राइवरों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना 9 मई को हुई, जब ये ड्राइवर ईरान से एलपीजी लेकर पाकिस्तान लौट रहे थे। नोशकी जिले के अहमदवाल इलाके में विद्रोहियों ने इन ट्रकों को रोका, टायरों को गोली मारकर पंचर किया और ड्राइवरों को अगवा कर लिया। 13 मई को इन चारों के गोलियों से छलनी शव बरामद किए गए।
भारत और पाकिस्तान के बीच ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भले ही सीजफायर की घोषणा हुई हो, लेकिन पाकिस्तान के अंदरूनी हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। खासकर बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के हमले पाकिस्तान की सेना और सत्ता के लिए नई चुनौती बनकर उभर रहे हैं।
BLA ने पाकिस्तान सेना को बनाया निशाना
बलूचिस्तान में BLA द्वारा किए गए ताजा हमलों ने एक बार फिर पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति की गंभीरता को उजागर कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, BLA ने पाकिस्तानी सेना की चौकियों और काफिलों पर हमला किया जिसमें कई जवान मारे गए। पाकिस्तान सरकार ने इन हमलों की पुष्टि करते हुए इसे “विद्रोहियों की सुनियोजित साजिश” बताया है।
इन हमलों के तुरंत बाद पाकिस्तान की सेना ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि सेना की जवाबी कार्रवाई में आम नागरिक भी प्रभावित हो रहे हैं। इससे पाकिस्तान सरकार की आलोचना और तेज हो गई है।
भारत-पाक संघर्ष की पृष्ठभूमि
भारत ने 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के कई इलाकों में ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने विफल कर दिया।
चार दिनों की सैन्य कार्रवाई के बाद 11 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल प्रभाव से सीजफायर लागू करने का समझौता हुआ। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बलूचिस्तान की स्थिति को देखते हुए यह संघर्ष जल्द ही दोबारा भड़क सकता है।
पाकिस्तान के सामने दोहरी चुनौती
BLA के बढ़ते हमलों से पाकिस्तान को अब दो मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है—एक तरफ भारत से बढ़ता तनाव और दूसरी तरफ अपने ही देश के भीतर का विद्रोह। बलूच नेताओं का कहना है कि वे पाकिस्तान के कब्जे से आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे हैं।
हाल ही में BLA ने एक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान के अंदर एक नई क्रांति की जरूरत है, और बलूचिस्तान इसका केंद्र बनेगा।
हत्या का पैटर्न और संभावित जिम्मेदार
हालांकि अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इसके पीछे बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) का हाथ हो सकता है। BLA पहले भी पंजाबी मूल के लोगों को निशाना बनाकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। अप्रैल 2024 में भी नौ पंजाबी यात्रियों की इसी तरह से हत्या की गई थी।
जातीय तनाव और बलूच विद्रोह
बलूचिस्तान में लंबे समय से चल रहे विद्रोह का मुख्य कारण वहां के निवासियों का यह मानना है कि पाकिस्तान सरकार, विशेषकर पंजाब प्रांत, उनके संसाधनों का शोषण कर रहा है और उन्हें राजनीतिक रूप से हाशिए पर रखा गया है। इस असंतोष ने हिंसक रूप ले लिया है, जिसमें पंजाबी मूल के लोगों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है।
सरकारी प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय
पाकिस्तानी सरकार ने इस घटना की निंदा की है और सुरक्षा बलों को जिम्मेदारों की तलाश करने का आदेश दिया है। हालांकि, बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा और जातीय लक्षित हमलों को रोकने के लिए सरकार को और अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
यह घटना बलूचिस्तान में बढ़ते जातीय तनाव और हिंसा की एक और कड़ी है। सरकार को चाहिए कि वह बलूचिस्तान के लोगों की शिकायतों को गंभीरता से ले और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।