भारत में तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ बहिष्कार की मांगें तेज़ हो गई हैं, खासकर जब से इन देशों ने पाकिस्तान के साथ एकजुटता दिखाई है। इसका सीधा असर तुर्की की पर्यटन और व्यापारिक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
तुर्की के लिए भारतीय पर्यटकों का महत्व
2024 में लगभग 3.3 लाख भारतीयों ने तुर्की की यात्रा की, जिससे तुर्की को $350–400 मिलियन (लगभग ₹3,000 करोड़) की आय हुई। तुर्की की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान लगभग 12% है, और भारत इस क्षेत्र में एक तेजी से बढ़ता हुआ बाजार रहा है।
बहिष्कार का प्रभाव: पर्यटन और व्यापार पर असर
MakeMyTrip ने रिपोर्ट किया है कि तुर्की और अज़रबैजान के लिए बुकिंग्स में 60% की गिरावट आई है, जबकि कैंसलेशन में 250% की वृद्धि हुई है। EaseMyTrip और ixigo जैसे अन्य ट्रैवल पोर्टल्स ने भी इन देशों के लिए बुकिंग्स को निलंबित कर दिया है।
व्यापारिक संबंधों पर असर
भारत और तुर्की के बीच व्यापारिक संबंध भी प्रभावित हो सकते हैं। उदयपुर में मार्बल उद्योग, जो तुर्की से ₹3,000 करोड़ मूल्य का मार्बल आयात करता है, ने तुर्की से आयात को रोक दिया है। इससे भारत में घरेलू मार्बल उद्योग को बढ़ावा मिल सकता है।
भारतीयों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। उद्योगपति हर्ष गोयनका ने भी भारतीयों से इन देशों की यात्रा न करने की अपील की है, जिससे इनकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़े।
भारत में तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ बढ़ती बहिष्कार की मांगें इन देशों की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल सकती हैं। भारतीय पर्यटकों और व्यापारियों की भूमिका इन देशों के लिए महत्वपूर्ण रही है, और उनका समर्थन खोना तुर्की के लिए चिंता का विषय हो सकता है।