उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 जोरों पर है, और अब तक लगभग 7 लाख श्रद्धालु इन पवित्र धामों के दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, इस वर्ष यात्रा में कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं, जिनमें मौसम की अनिश्चितता और पर्यावरणीय दबाव प्रमुख हैं।
यात्रा की स्थिति
इस वर्ष चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल को हुई, और अब तक 6,62,446 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी देखी गई है। 2024 में पहले 12 दिनों में लगभग 8 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे, जबकि इस वर्ष यह संख्या 5.5 लाख रही।
पर्यावरणीय चिंताएं
केदारनाथ धाम में प्रस्तावित 600 KLD क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की क्षमता को लेकर पर्यावरणविदों ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह क्षमता अपर्याप्त हो सकती है, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
सुरक्षा और सुविधाएं
उत्तराखंड सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है, और वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों तथा विदेशी नागरिकों के लिए विशेष काउंटर स्थापित किए गए हैं।
चारधाम यात्रा 2025 श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव बना हुआ है, लेकिन पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक है। सरकार और तीर्थयात्रियों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि यह पवित्र यात्रा भविष्य में भी सुरक्षित और सतत बनी रहे।