हिमाचल में मानसून की तबाही: 17 जगहों पर क्लाउडबर्स्ट, 10 की मौत, 34 लापता, 332 लोगों को बचाया गया

1 जुलाई 2025 की रात हिमाचल प्रदेश के लिए विनाशकारी साबित हुई। राज्य के मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिलों में कुल 17 जगहों पर क्लाउडबर्स्ट की घटनाएं दर्ज की गईं। अकेले मंडी जिले में 16 स्थानों पर बादल फटे, जिससे बाढ़, भूस्खलन और भारी तबाही हुई।

अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 34 लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत की बात है कि 332 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है।


प्रभावित क्षेत्र और नुकसान का आकलन

  • मंडी जिले में थुनाग, करसोग, गोहर और धर्मपुर जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा तबाही हुई।
  • करसोग में दो लोगों की मौत और दो लापता होने की खबर है।
  • गोहर के सत्यांज गांव में दो घर बह गए, कई लोग लापता हैं, दो शव बरामद हुए।
  • कुल्लू और किन्नौर जिलों में भी एक-एक स्थान पर बादल फटने से नुकसान हुआ है।

रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की कार्रवाई

  • NDRF और SDRF की टीमें घटनास्थलों पर तैनात हैं और लगातार राहत कार्य में जुटी हैं।
  • मंडी जिले में 316 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि पूरे राज्य में 332 से अधिक लोगों को बचाया गया।
  • प्रभावित क्षेत्रों में तात्कालिक राहत कैंप, भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

आधारभूत ढांचे को भारी नुकसान

  • करीब 24 घर और 12 पशुशालाएं पूरी तरह बह गई हैं।
  • लगभग 30 मवेशी भी बाढ़ में बह गए या मारे गए।
  • 406 सड़कें, 171 जल योजनाएं, और 1,515 बिजली ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त या बंद पड़े हैं, जिससे संचार और आपूर्ति व्यवस्था ठप हो गई है।

मौसम विभाग का अलर्ट और आगे की चेतावनी

  • भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 6 दिन का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
  • मंडी, शिमला, कांगड़ा, और कुल्लू जैसे जिलों में भारी बारिश की चेतावनी है।
  • मुख्यमंत्री ने नुकसान का प्राथमिक आकलन ₹500 करोड़ बताया और लोगों को नदियों व नालों से दूर रहने की सलाह दी है।

निष्कर्ष

हिमाचल प्रदेश में आई यह आपदा एक बार फिर से दिखाती है कि पहाड़ी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन और बेतरतीब विकास किस तरह जानलेवा साबित हो सकते हैं।
हालांकि प्रशासन ने समय रहते राहत कार्य शुरू किए और सैकड़ों लोगों की जान बचाई, लेकिन यह ज़रूरी है कि भविष्य में स्मार्ट अलर्ट सिस्टम, सुरक्षित निर्माण मानक और पर्यावरण संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।