22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद, कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस हमले को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन करने के लिए संसद का विशेष सत्र आयोजित करने का आग्रह किया है।
कांग्रेस नेताओं का बयान
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पत्र में लिखा, “इस समय जब एकता और एकजुटता की आवश्यकता है, विपक्ष मानता है कि दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाना आवश्यक है। यह निर्दोष नागरिकों पर हुए इस बर्बर आतंकी हमले से निपटने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प और इच्छाशक्ति का शक्तिशाली प्रदर्शन होगा।”
राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, “पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हर भारतीय को आहत करता है। इस महत्वपूर्ण समय में, भारत को दिखाना होगा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट हैं। विपक्ष मानता है कि दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए, जहां जनप्रतिनिधि अपनी एकता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन कर सकें।”
पहलगाम हमला: एक गंभीर चुनौती
यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक माना जा रहा है। हमले में मारे गए अधिकांश लोग पर्यटक थे, जो कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आए थे। इस हमले ने देशभर में आक्रोश और शोक की लहर दौड़ा दी है।
विपक्ष की एकजुटता
कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने भी इस हमले की निंदा की है और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा किए हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया है।
निष्कर्ष
पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। कांग्रेस पार्टी द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग इस बात का संकेत है कि विपक्ष इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है और राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन करना चाहता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देती है और आतंकवाद के खिलाफ किस प्रकार की रणनीति अपनाती है।