क्या हुआ था एयरपोर्ट पर?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उस समय असहज स्थिति में आ गए जब वह मुंबई एयरपोर्ट पर एक घंटे तक फंसे रहे। कारण था — एयर इंडिया के पायलट ने ड्यूटी ऑवर समाप्त होने के बाद विमान उड़ाने से इनकार कर दिया।
मुख्यमंत्री को मुंबई से गोवा जाना था, जहां उनका एक सरकारी कार्यक्रम निर्धारित था। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जैसे ही सीएम शिंदे बोर्डिंग के लिए तैयार हुए, पायलट ने उड़ान भरने से साफ इनकार कर दिया। इसके पीछे कारण बताया गया कि उनका ड्यूटी समय पूरा हो चुका है और नियमों के अनुसार वे अब फ्लाइट नहीं उड़ा सकते।
एक घंटे तक किया इंतज़ार
मुख्यमंत्री शिंदे को फ्लाइट के अंदर नहीं, बल्कि वीआईपी लाउंज में एक घंटे तक इंतज़ार करना पड़ा। इसके बाद उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दूसरे विमान की व्यवस्था की गई और फिर वे गोवा के लिए रवाना हो सके।
क्या कहती हैं एविएशन गाइडलाइंस?
एयरलाइन इंडस्ट्री में DGCA (Directorate General of Civil Aviation) के नियमानुसार, किसी भी पायलट को अधिकतम ड्यूटी ऑवर के बाद फ्लाइट उड़ाने की अनुमति नहीं होती। यह नियम सुरक्षा कारणों से बनाए गए हैं ताकि थके हुए पायलट से दुर्घटनाओं की संभावना न हो।
इस मामले में एयर इंडिया के पायलट ने नियमों का पालन करते हुए उड़ान भरने से मना कर दिया, जिससे सीएम को असुविधा हुई।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम पर अभी तक मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे प्रशासनिक लापरवाही और वीवीआईपी संस्कृति के टकराव का उदाहरण बताया है।
इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता — चाहे वह एक आम नागरिक हो या प्रदेश का मुख्यमंत्री। पायलट ने जहां सुरक्षा नियमों का पालन कर जिम्मेदारी दिखाई, वहीं मुख्यमंत्री के समय की बर्बादी और प्रशासनिक टीम की असहज स्थिति पर भी सवाल उठे हैं।