📍 नई दिल्ली | 1 अगस्त 2025
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया आरोपों के बाद चुनाव आयोग (ECI) ने कड़ा और साफ जवाब देते हुए कहा है कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध है और रोज़ाना मिल रही धमकियों के बावजूद निष्पक्ष रूप से अपना कार्य करता रहेगा।
🔹 राहुल गांधी के आरोप क्या हैं?
राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले चुनाव आयोग पर यह आरोप लगाया था कि वह सरकार के दबाव में काम कर रहा है और विपक्षी दलों की शिकायतों को नज़रअंदाज़ कर रहा है। उन्होंने कहा,
“हमने कई शिकायतें दस्तावेज़ों के साथ दीं, लेकिन चुनाव आयोग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।”
🔹 चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने आज बयान जारी करते हुए कहा:
“हमें हर दिन धमकियां मिल रही हैं, लेकिन हम संविधान के अनुसार कार्य करते रहेंगे। हमारा कर्तव्य है कि हम निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से चुनाव प्रक्रिया को संचालित करें।”
आयोग ने आगे कहा कि सभी राजनीतिक दलों की शिकायतों को समान रूप से देखा जाता है और किसी को भी विशेष लाभ नहीं दिया जाता।
🔹 रचनात्मक संवाद की अपील
आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे संस्थानों पर आरोप लगाने की बजाय तथ्यों के साथ शिकायत दर्ज करें।
“यदि किसी शिकायत में दम है, तो उसे दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया जाए। हम तय प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करते हैं।”
🔹 राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
🗣️ बीजेपी प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा,
“चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था है। राहुल गांधी जब हारते हैं, तो संस्थाओं को ही दोष देने लगते हैं।”
🗣️ सीपीआई(एम) नेता सीताराम येचुरी ने कहा,
“आयोग को सिर्फ बयान देने के बजाय पारदर्शिता से सभी शिकायतों की स्थिति सार्वजनिक करनी चाहिए।”
🔥 जनता की प्रतिक्रियाएं इस प्रकार रहीं:
- “🛡️ आयोग पर पूरा भरोसा है, धमकियों के बावजूद वो डटे हुए हैं।”
- “🗳️ सभी दलों को बराबरी से सुनना ज़रूरी है, तभी चुनाव व्यवस्था पर विश्वास बना रहेगा।”
- “⚖️ लोकतंत्र की नींव निष्पक्ष संस्थाएं हैं — उन पर विश्वास करना चाहिए।”
🔍 निष्कर्ष
राजनीतिक माहौल गर्म है और चुनाव आयोग एक बार फिर चर्चा में है। जहां आयोग ने अपनी निष्पक्षता और साहस को दोहराया है, वहीं राजनीतिक दलों और जनता की ज़िम्मेदारी बनती है कि वे लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति संयम और विश्वास बनाए रखें।
Ask ChatGPT