अनिल अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) ने एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया है। कंपनी ने ₹3300 करोड़ का कर्ज चुका दिया है और अब उसका स्टैंडअलोन नेट डेब्ट (Net Debt) शून्य पर आ चुका है। यह उपलब्धि सिर्फ कंपनी के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए भी एक प्रेरणा है।
क्या है खबर?
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (RInfra) ने घोषणा की है कि उसने ₹3,300 करोड़ का कर्ज पूरी तरह चुका दिया है। इस भुगतान के बाद कंपनी का स्टैंडअलोन नेट डेब्ट अब “शून्य” हो गया है। यह जानकारी कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी है।
कंपनी ने इसे “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया है और कहा है कि अब वह फाइनेंशियल तौर पर और भी मजबूत हो गई है।
क्या बोले कंपनी अधिकारी?
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की तरफ से कहा गया:
“हमने अपने स्टैंडअलोन बैलेंस शीट से ₹3300 करोड़ का कर्ज हटा दिया है। अब कंपनी पूरी तरह से नेट डेब्ट-फ्री है। यह कदम हमारी वित्तीय मजबूती और भरोसे को दर्शाता है।”
निवेशकों को क्या होगा फायदा?
- कंपनी के शेयरों में मजबूती देखी गई है।
- निवेशकों को भविष्य में कंपनी से बेहतर रिटर्न की उम्मीद है।
- फाइनेंशियल हेल्थ सुधरने के कारण संस्थागत निवेशकों का भी रुझान बढ़ सकता है।
बैकग्राउंड: कैसे हुआ यह संभव?
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न संपत्तियों की बिक्री और परियोजनाओं से हुए रेवेन्यू के माध्यम से अपने कर्ज को कम करने पर लगातार काम किया। साथ ही, कंपनी ने कॉस्ट कटिंग और ऑपरेशन एफिशिएंसी पर फोकस किया।
RInfra की मुख्य परियोजनाएं:
- मुंबई मेट्रो
- रोड टोल प्रोजेक्ट्स
- पावर और ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर
- डिफेंस सेक्टर में निवेश
इसका मतलब क्या है आम लोगों के लिए?
- यह आर्थिक आत्मनिर्भरता का संकेत है।
- भारत की बड़ी कंपनियां अब खुद को फाइनेंशियल रूप से पुनर्संगठित कर रही हैं।
- इससे युवाओं को वित्तीय अनुशासन का भी संदेश मिलता है।
अनिल अंबानी की अगुवाई में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की यह उपलब्धि उनकी रणनीतिक सोच और वित्तीय पुनर्गठन की क्षमता को दर्शाती है। यह भविष्य में कंपनी की ग्रोथ और निवेशकों के भरोसे को और मज़बूत करेगी।