समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा जारी एक विवादास्पद पोस्टर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस पोस्टर में डॉ. भीमराव अंबेडकर और अखिलेश यादव की छवियों को एक साथ मिलाकर प्रस्तुत किया गया है, जिससे भाजपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कड़ा विरोध जताया है।
पोस्टर की विशेषता
विवादित पोस्टर में एक ओर दलितों के प्रतीक डॉ. अंबेडकर का चेहरा है, जबकि दूसरी ओर अखिलेश यादव का चेहरा है, दोनों के बीच एक पतली सफेद रेखा से विभाजन किया गया है। इस डिजाइन को लेकर भाजपा नेताओं ने सपा पर अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया है।

भाजपा का विरोध
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस पोस्टर को “अस्वीकार्य” बताते हुए कहा, “भारतीय संविधान के निर्माता और दलित समाज के प्रतीक बाबासाहेब अंबेडकर का चेहरा विकृत कर उस पर अखिलेश यादव का चेहरा थोपना उनके लिए सबसे बड़ा अपमान है।”
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी इस पोस्टर की निंदा करते हुए कहा, “यह सपा की भ्रष्ट मानसिकता का प्रतिबिंब है और बाबासाहेब का जानबूझकर अपमान है, जिसे जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।”
बसपा की प्रतिक्रिया
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सपा पर “गंदी राजनीति” करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रदर्शन से सपा की दलितों के प्रति वास्तविक भावना स्पष्ट होती है।
सपा की प्रतिक्रिया
अब तक, अखिलेश यादव या समाजवादी पार्टी ने इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।