अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक द्वारा पाकिस्तान को दी गई आर्थिक सहायता पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने इन वैश्विक वित्तीय संस्थानों पर आरोप लगाया है कि वे पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों और आतंकवादी समूहों के साथ उसके संबंधों के बावजूद उसे आर्थिक मदद प्रदान कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि: पहलगाम आतंकी हमला और भारत-पाक तनाव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। इस संघर्ष के दौरान, IMF ने पाकिस्तान को $1 बिलियन की आर्थिक सहायता प्रदान की, जिसे लेकर भारत सहित कई देशों ने चिंता व्यक्त की।
अमरुल्ला सालेह की प्रतिक्रिया
अमरुल्ला सालेह ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता है, IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे संस्थान पाकिस्तान को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबंधों में ढील क्यों देते हैं?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने तालिबान नेताओं, हक्कानी नेटवर्क और ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादियों को शरण दी है, इसके बावजूद उसे आर्थिक मदद मिलती रही है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने IMF की इस सहायता पर कड़ा विरोध जताया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान इस सहायता का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए कर सकता है। उन्होंने IMF से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
वैश्विक चिंता
इस मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर भी चिंता व्यक्त की गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान को दी गई आर्थिक सहायता का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
अमरुल्ला सालेह के बयान ने IMF और विश्व बैंक की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यह आवश्यक है कि वैश्विक वित्तीय संस्थान अपनी सहायता नीतियों की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि उनकी सहायता का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए न हो।