भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने हाल ही में भारत की आर्थिक रणनीति पर सवाल उठाते हुए एक अहम चेतावनी दी है। उनका कहना है कि दुनिया अब “एक और चीन” नहीं चाहती, और भारत को यह समझना होगा कि वह पुराना मॉडल अब प्रासंगिक नहीं रहा।
🏭 मैन्युफैक्चरिंग मॉडल की सीमाएं
राजन के अनुसार, आज की दुनिया में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वह संभावनाएं नहीं बची हैं, जो कभी चीन ने इस्तेमाल की थीं:
- आधुनिक मैन्युफैक्चरिंग में अब मशीनों का बोलबाला है, जिससे कम‑कौशल मजदूरों की जरूरत घट गई है।
- ग्लोबल सप्लाई चेन और ऑटोमेशन ने पारंपरिक फैक्ट्री जॉब्स को कम कर दिया है।
- व्यापार नीतियाँ अब अधिक सुरक्षा-प्रधान (Protectionist) हो गई हैं, जिससे निर्यात-आधारित विकास की गुंजाइश सीमित है।
🌐 बदलती वैश्विक परिस्थितियाँ
राजन ने स्पष्ट रूप से कहा कि:
“अब वैश्विक प्रणाली में एक और चीन के लिए जगह नहीं है।”
इसका मतलब है कि भारत को ऐसी नीति नहीं अपनानी चाहिए जो चीन के मॉडल की नकल करने की कोशिश करे। दुनिया अब उस तरह के बड़े पैमाने पर उत्पादन और सस्ते श्रम आधारित निर्यात मॉडल को बढ़ावा नहीं देती।
💼 सेवाओं पर केंद्रित विकास की जरूरत
भारत को अपनी ताकत सेवा क्षेत्र (Services Sector) में देखनी चाहिए:
- आईटी, डिज़ाइन, कस्टमर सर्विस, हेल्थकेयर, फाइनेंस आदि क्षेत्रों में भारत की सशक्त उपस्थिति है।
- इन क्षेत्रों में नौकरियों की गुणवत्ता बेहतर होती है और ये उच्च शिक्षा और स्किलिंग को बढ़ावा देते हैं।
📉 विकास दर और जनसांख्यिकीय दबाव
राजन ने यह भी चेताया कि:
- 6-6.5% की वर्तमान वृद्धि दर भारत को विकसित राष्ट्र नहीं बना पाएगी।
- भारत के पास जनसांख्यिकीय लाभ (Demographic Dividend) का सीमित समय है। अगर हम तेजी से सुधार नहीं करते, तो यह अवसर खो जाएगा।
🏛️ शासन और संरचनात्मक सुधार
राजन ने यह सुझाव दिया कि:
- शासन प्रणाली को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाया जाए।
- केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि नीतिगत सुधारों, शिक्षा, स्वास्थ्य, और कौशल विकास पर निवेश से असली बदलाव आएगा।
📝 निष्कर्ष
रघुराम राजन की बात भारत के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है। भारत को अपनी आर्थिक रणनीति को चीन की नकल से अलग कर, अपनी अनोखी ताकतों—जैसे सेवा क्षेत्र, नवाचार और मानव संसाधन—पर ध्यान देना चाहिए। भारत का भविष्य केवल निर्माण और भारी उद्योग पर नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण नौकरियों, शिक्षा और तकनीक में नेतृत्व से तय होगा।