भारत की अर्थव्यवस्था लगातार वैश्विक मंच पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2025 तक जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, और 2028 तक यह तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। यह भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक निवेशकों के भरोसे का प्रतीक है।
भारत की वैश्विक आर्थिक रैंकिंग में जबरदस्त उछाल
भारत अब वैश्विक आर्थिक मंच पर तेजी से उभरता हुआ सितारा बन चुका है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और अन्य प्रमुख आर्थिक संस्थानों की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत जल्द ही जापान और जर्मनी को पछाड़कर शीर्ष तीन वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा।
वर्तमान स्थिति
- फिलहाल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो यूनाइटेड किंगडम से आगे निकल चुका है।
- भारत की जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है।
- जापान की वर्तमान अर्थव्यवस्था लगभग 4.4 ट्रिलियन डॉलर और जर्मनी की लगभग 4.5 ट्रिलियन डॉलर है।
- भारत की विकास दर इन देशों से कहीं ज्यादा है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले सालों में भारत उन्हें पीछे छोड़ देगा।
2025: जापान को पीछे छोड़ भारत चौथे पायदान पर
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की विकास दर लगभग 6-7% बनी रहेगी। इसके चलते 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था जापान से बड़ी हो जाएगी, जो कि एक मील का पत्थर होगा।
2028: भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
2030 के आसपास भारत की अर्थव्यवस्था 5.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इस तेजी से बढ़ती रफ्तार के चलते भारत 2028 तक जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा और अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर काबिज हो जाएगा।

भारत की ग्रोथ का आधार क्या है?
- मजबूत घरेलू मांग – भारत की युवा आबादी उपभोग को बढ़ावा देती है।
- टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन – UPI, डिजिटल इंडिया जैसे कदमों से तेज़ी से आर्थिक लेनदेन और पारदर्शिता बढ़ी है।
- सरकारी निवेश – इंफ्रास्ट्रक्चर, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसे प्रोग्राम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
- विदेशी निवेश में बढ़ोत्तरी – भारत में FDI (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) लगातार बढ़ रहा है।
भारत की आर्थिक उन्नति न केवल आंकड़ों में उछाल है, बल्कि यह उसके वैश्विक प्रभाव, रणनीतिक क्षमता और निवेशकों के भरोसे की भी गवाही देती है। यदि यह गति बनी रही, तो भारत आने वाले दशक में न सिर्फ आर्थिक रूप से, बल्कि राजनीतिक और रणनीतिक रूप से भी विश्व मंच पर एक निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार होगा।