भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने 6 मई 2025 को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement – FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। तीन वर्षों की कठिन वार्ताओं के बाद यह समझौता संपन्न हुआ है।
समझौते के मुख्य बिंदु:
1. टैरिफ में कटौती:
- व्हिस्की और जिन पर शुल्क: 150% से घटाकर 75% किया जाएगा, और अगले दस वर्षों में इसे 40% तक लाया जाएगा।
- कारों पर शुल्क: 100% से अधिक से घटाकर 10% किया जाएगा, जो एक कोटा प्रणाली के तहत लागू होगा।
- अन्य उत्पादों पर शुल्क: चॉकलेट, बिस्किट, चिकित्सा उपकरण, सौंदर्य प्रसाधन, और एयरोस्पेस उत्पादों पर भी शुल्क में कटौती की जाएगी।Financial Times+2Reuters+2Latest news & breaking headlines+2
2. भारतीय पेशेवरों के लिए अवसर:
- यूके में भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए बेहतर पहुंच सुनिश्चित की गई है।
- यूके में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों को राष्ट्रीय बीमा योगदान से छूट दी जाएगी।
3. व्यापार और निवेश में वृद्धि:
- इस समझौते से द्विपक्षीय व्यापार में £25.5 बिलियन की वृद्धि की उम्मीद है।
- यूके की जीडीपी में £4.8 बिलियन की वृद्धि का अनुमान है।Financial Times+3Reuters+3Reuters+3
नेताओं की प्रतिक्रियाएं:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते को “एक ऐतिहासिक मील का पत्थर” बताया और कहा कि यह दोनों देशों में व्यापार, निवेश, नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।
यूके के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर ने इसे “ब्रिटेन के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यापार समझौता” बताया और कहा कि यह समझौता ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और व्यापार बाधाओं को कम करेगा।
भविष्य की संभावनाएं:
यह समझौता न केवल भारत और यूके के बीच व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि यह वैश्विक व्यापार परिदृश्य में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। दोनों देशों के लिए यह समझौता आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और नवाचार के नए अवसर प्रदान करेगा।