उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। अब मदरसों में अंग्रेज़ी और गणित जैसे विषय अनिवार्य कर दिए गए हैं। सरकार का कहना है कि इससे छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा और नौकरियों में बेहतर अवसर मिलेंगे।
पूरी जानकारी:
उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों में पढ़ाई के स्तर को सुधारने के लिए एक नया कदम उठाया है। अब मदरसों में अंग्रेज़ी, गणित, और विज्ञान जैसे विषय पढ़ाना अनिवार्य होगा। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत किया गया है।
क्या है नया नियम?
- अब सभी मान्यता प्राप्त मदरसों में हिंदी, अंग्रेज़ी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषय पढ़ाना जरूरी होगा।
- यह फैसला छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ने और रोजगार के बेहतर अवसर देने के उद्देश्य से लिया गया है।
- यूपी मदरसा शिक्षा परिषद ने निर्देश दिया है कि यह व्यवस्था 2025-26 शैक्षणिक सत्र से लागू होगी।
क्यों लिया गया यह फैसला?
सरकार का कहना है कि पारंपरिक धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक विषयों की जानकारी होना छात्रों के व्यक्तित्व विकास और भविष्य की प्रतिस्पर्धा के लिए जरूरी है। इससे छात्र सरकारी नौकरियों, प्रतियोगी परीक्षाओं और तकनीकी शिक्षा के लिए योग्य बन सकेंगे।
सरकार की तरफ से क्या तैयारियां?
- मदरसों के शिक्षकों को इन विषयों की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
- सरकार कुछ सिलेबस बदलाव भी कर सकती है जिससे धार्मिक शिक्षा और आधुनिक विषयों में संतुलन बना रहे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
कुछ मुस्लिम संगठनों ने सरकार के इस फैसले को एकतरफा बताते हुए कहा कि मदरसा शिक्षा की स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है। हालांकि, कई शिक्षाविदों ने इस कदम को सकारात्मक और जरूरी बताया है।
योगी सरकार का यह कदम पारंपरिक शिक्षा को आधुनिक जरूरतों के साथ जोड़ने की दिशा में एक बड़ा फैसला है। अब देखना होगा कि इसे किस तरह से लागू किया जाता है और इसका छात्रों के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।