केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने अप्रैल 2025 में देशभर से लिए गए लगभग 3,000 दवा सैंपलों की जांच के बाद 196 दवाओं को “Not of Standard Quality” (NSQ) घोषित किया है। इनमें से एक दवा को नकली (spurious) पाया गया है, जो बिहार में मिली है।
NSQ दवाओं का वितरण
- कुल NSQ सैंपल: 196
- केंद्रीय प्रयोगशालाओं द्वारा फेल: 60
- राज्य प्रयोगशालाओं द्वारा फेल: 136
प्रभावित दवाएं
इन 196 दवाओं में कई सामान्य बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं शामिल हैं, जैसे:
- हाई ब्लड प्रेशर: Teneligliptin और Metformin Hydrochloride का संयोजन
- एंटीबायोटिक्स: Cefpodoxime Proxetil टैबलेट्स
- दर्द निवारक: Paracetamol + Nimesulide और Aceclofenac का संयोजन
- खांसी सिरप और एंटी-एलर्जी दवाएंWikipedia+3Business Standard+3The Times of India+3
इनमें से एक नकली दवा बिहार में पाई गई है, जिसे Deca-Durabolin नाम से बेचा जा रहा था।
NSQ का अर्थ
NSQ का मतलब है कि दवा पूरी तरह से खराब नहीं है, लेकिन यह निर्धारित गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरती। इसका उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
- दवा खरीदते समय: हमेशा प्रतिष्ठित फार्मेसी से दवा खरीदें और बिल लें।
- दवा की जांच: दवा का नाम, निर्माता, बैच नंबर और एक्सपायरी डेट की जांच करें।
- संदेह होने पर: यदि दवा के प्रभाव में कोई असामान्यता महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- सूचना साझा करें: अपने परिवार और मित्रों को इस सूची के बारे में सूचित करें।
सरकार की कार्रवाई
CDSCO ने इन दवाओं के बैच को बाजार से हटाने के निर्देश दिए हैं और संबंधित कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि यह जांच नियमित निगरानी का हिस्सा है और उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।