घटना का विवरण
हाल ही में देशभर में कई छोटे और मझोले व्यापारियों को GST विभाग की ओर से नोटिस भेजे जा रहे हैं। ये नोटिस उन व्यापारियों को भेजे गए हैं जो UPI और डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि इन नोटिसों की संख्या अचानक बढ़ गई है, जिससे व्यापार समुदाय में रोष है।
व्यापारियों की नाराजगी
- व्यापारियों के संगठन ने दावा किया है कि GST विभाग का यह कदम डिजिटल पेमेंट को हतोत्साहित करने वाला है।
- कई छोटे व्यापारी, जो डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रहे थे, अब इन नोटिसों से परेशान हैं।
- संगठन का कहना है कि नोटिसों में ट्रांजैक्शन डिटेल्स का मिलान नहीं होने पर भारी जुर्माने की धमकी दी जा रही है।
संगठन की चेतावनी
- व्यापारियों का संगठन हड़ताल की योजना बना रहा है।
- संगठन का कहना है कि अगर सरकार और GST विभाग इस कार्रवाई पर रोक नहीं लगाते, तो देशभर में डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वाले व्यापारी व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे।
सरकारी रुख और कारण
- GST विभाग का कहना है कि नोटिस सिर्फ उन मामलों में भेजे जा रहे हैं जहां ट्रांजैक्शन डेटा और टैक्स रिटर्न में विसंगतियां पाई गई हैं।
- विभाग के अनुसार, यह कदम टैक्स चोरी को रोकने और डिजिटल ट्रेल को ट्रैक करने के लिए जरूरी है।
डिजिटल इंडिया और विरोधाभास
यह स्थिति डिजिटल इंडिया अभियान के उद्देश्यों के विपरीत दिखाई दे रही है। सरकार एक ओर UPI और कैशलेस भुगतान को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर व्यापारियों पर बढ़ते नोटिस उनके बीच भ्रम और डर का माहौल पैदा कर रहे हैं।
निष्कर्ष
UPI के बढ़ते उपयोग ने जहां कारोबार में पारदर्शिता बढ़ाई है, वहीं GST नोटिसों की बाढ़ से छोटे व्यापारियों का भरोसा डगमगा सकता है। सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने और व्यापारियों को राहत देने की जरूरत है, ताकि डिजिटल लेन-देन का विस्तार प्रभावित न हो।