ऑपरेशन महादेव: पहलगाम आतंकी हमले की साजिश का पर्दाफाश, महादेव पीक बना आतंकियों का अड्डा

नई दिल्ली/जम्मू-कश्मीर:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। खुफिया एजेंसियों ने इस हमले की साजिश को “ऑपरेशन महादेव” नाम दिया है। इस ऑपरेशन के तहत आतंकियों ने पहलगाम के पास स्थित महादेव पीक को अपना छिपने और हमला करने का अड्डा बना लिया था।

🔍 क्या है ऑपरेशन महादेव?

ऑपरेशन महादेव के तहत जांच एजेंसियों ने बताया कि पहलगाम में सुरक्षा बलों पर किए गए हमले में 6 आतंकी शामिल थे। ये आतंकी महादेव पीक से नीचे उतरकर हमला करने आए थे और हमले के बाद वापस उसी पहाड़ी पर भाग गए। जांच में यह भी सामने आया है कि ये आतंकी अमेरिकी राइफलों से लैस थे, जिससे आतंकियों की तैयारी और समर्थन का स्तर उजागर होता है।


🗻 महादेव पीक क्यों है रणनीतिक रूप से अहम?

महादेव पीक दक्षिण कश्मीर में स्थित एक दुर्गम इलाका है, जहां से आतंकियों को ट्रैक करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद मुश्किल होता है। यहां से पूरे पहलगाम इलाके पर नजर रखना आसान है, इसलिए आतंकी इस जगह को बेस के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।


🧩 सुरक्षा एजेंसियों को मिले अहम सुराग

  • हमले के बाद मिले हथियारों में अमेरिका निर्मित M4 राइफल्स और अत्याधुनिक उपकरण मिले हैं।
  • 6 आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है, जिनमें से कुछ के पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेने की संभावना जताई जा रही है।
  • खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी ग्रुप लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हो सकते हैं।
  • हमले के पीछे उद्देश्य अमरनाथ यात्रा और सुरक्षा बलों के मनोबल को प्रभावित करना था।

🛡️ सुरक्षा बलों की रणनीति

इस हमले के बाद NIA, RAW, और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने महादेव पीक और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
ड्रोन सर्विलांस, थर्मल इमेजिंग, और विशेष कमांडो दस्ते इन क्षेत्रों में तैनात किए गए हैं।


📢 राजनीतिक प्रतिक्रिया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले की निंदा करते हुए आतंकियों को “कड़ा जवाब” देने की बात कही है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि “कश्मीर को अशांत करने की कोशिशों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।”


🧭 अमरनाथ यात्रा पर प्रभाव

इस हमले और ऑपरेशन महादेव के खुलासे के बाद अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया गया है। यात्रा मार्गों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।


🧵 निष्कर्ष:
ऑपरेशन महादेव एक बार फिर से यह दर्शाता है कि आतंकवादी संगठन किस हद तक जाकर भारत को अस्थिर करने की साजिश रचते हैं। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और जवाबी रणनीति आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने में पूरी तरह सक्षम है।