22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में बाइसारण घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की हत्या कर दी गई। इनमें अधिकांश हिंदू श्रद्धालु शामिल थे। इस हमले को हाल के वर्षों का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।
इस हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया — एक सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में, जो पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में आतंकियों के ठिकानों पर किया गया। इस ऑपरेशन में नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया गया और लगभग 100 आतंकियों तथा उनके प्रशिक्षकों को निशाना बनाया गया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों की गतिविधियों को गंभीर क्षति पहुंचाई गई।
🏛️ संसद में मानसून सत्र की गरमाहट
इस मुद्दे पर संसद का मानसून सत्र हंगामे से भर गया। विपक्ष ने सरकार से तत्काल जवाब मांगा और कार्रवाई पर सवाल उठाए। पहले सप्ताह का अधिकतर हिस्सा कार्यवाही बाधित रहने के कारण बेकार गया।
विपक्ष का आरोप था कि इतनी बड़ी घटना पर देरी से बहस कर सरकार पारदर्शिता से बच रही है। वहीं सत्ता पक्ष का कहना था कि ऑपरेशन के पूर्ण होने और आवश्यक जानकारी एकत्र करने के बाद ही संसद में जवाब देना संभव था।
🛡️ राजनाथ सिंह का बयान: निर्णायक और स्पष्ट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में स्पष्ट रूप से कहा कि यह ऑपरेशन आतंकियों को साफ संदेश देने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत ने कई विकल्पों पर विचार किया, लेकिन सबसे अधिक प्रभावशाली रणनीति को अपनाया गया ताकि निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि यह केवल एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि भारत की रणनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन भी था।
🚛 लॉजिस्टिक्स की अहम भूमिका
राजनाथ सिंह ने एक महत्वपूर्ण पहलू पर भी प्रकाश डाला — उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक सपोर्ट यानी समय पर हथियार, रसद और सूचनाओं की उपलब्धता ही आज के युद्धों में जीत का मुख्य कारक है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में यह एक बड़ा कारण रहा।
🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और आंतरिक राजनीति
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष के बीच मध्यस्थता की, जिसे भारत सरकार ने खारिज कर दिया। भारत का कहना था कि ऑपरेशन की समाप्ति भारत के लक्ष्यों की पूर्ति के बाद स्वयं भारत द्वारा की गई, न कि किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव में।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि सरकार पारदर्शिता नहीं बरत रही और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हुए कारगिल युद्ध के बाद बनी रिव्यू कमेटी जैसी कोई पहल इस बार नहीं की गई।
🔍 प्रमुख बिंदुओं का सारांश
विषय | विवरण |
---|---|
हमला | 26 नागरिकों की हत्या, पहलगाम में आतंकी हमला |
प्रतिक्रिया | ऑपरेशन सिंदूर के तहत सर्जिकल स्ट्राइक |
संसद | विपक्ष द्वारा बहस की मांग, सत्ता पक्ष की सफाई |
मंत्री का बयान | आतंकियों को सटीक निशाना बनाया, निर्दोष बचाए |
लॉजिस्टिक | रणनीतिक सफलता का मूल कारण |
वैश्विक प्रतिक्रिया | भारत की स्वतंत्र कार्रवाई, मध्यस्थता अस्वीकार |
✍️ निष्कर्ष
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की रणनीतिक और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन था, जिसने एक बार फिर साबित किया कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। संसद में हुई लंबी बहस ने यह भी दिखा दिया कि लोकतंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों ही जरूरी हैं। भारत की सशक्त विदेश और रक्षा नीति भविष्य के लिए एक उदाहरण बन चुकी है।