भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों में बढ़े तनाव को लेकर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल तेज हो गई है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने सीमा पार आतंक के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है, लेकिन इस कार्रवाई के बाद वैश्विक ताकतों की नजरें भी दोनों देशों पर टिक गई हैं।
आइए विस्तार से जानते हैं, कौन-कौन से देश इस मुद्दे पर क्या कह रहे हैं:
🇺🇸 अमेरिका का रुख
अमेरिका ने एक स्पष्ट बयान में कहा है कि वह आतंक के खिलाफ भारत के अधिकार को समझता है, लेकिन दोनों देशों से संयम बरतने की अपील करता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण एशिया की स्थिरता बेहद महत्वपूर्ण है और अमेरिका किसी भी प्रकार के संघर्ष को बढ़ने से रोकना चाहता है।
🌍 G7 देशों की चिंता
G7 देशों (अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन) ने संयुक्त बयान जारी कर भारत और पाकिस्तान से तत्काल तनाव कम करने की अपील की। G7 नेताओं का कहना है कि वैश्विक भू-राजनीतिक हालात पहले से ही संवेदनशील हैं, ऐसे में दक्षिण एशिया में युद्ध जैसी स्थिति दुनिया भर के लिए चिंता का विषय बन सकती है।
🇸🇦 सऊदी अरब और मिस्र की मध्यस्थता पेशकश
सऊदी अरब और मिस्र ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है। उनका कहना है कि इस्लामी दुनिया में शांति बनाए रखना जरूरी है और अगर भारत-पाकिस्तान चाहे तो वे बातचीत में मदद करने को तैयार हैं।
🇹🇷 तुर्की की प्रतिक्रिया
तुर्की ने पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए भारत से संयम बरतने को कहा है। तुर्की सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर चिंता जताई, लेकिन आतंक के खिलाफ लड़ाई की आलोचना नहीं की।
🇨🇳 चीन की दोहरी नीति
चीन ने एक तरफ भारत से कहा कि क्षेत्र में शांति बनाए रखें, लेकिन दूसरी तरफ पाकिस्तान के साथ अपनी ‘सदाबहार दोस्ती’ को दोहराया। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे हालात पर नजर रख रहे हैं और सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।
🇪🇺 यूरोपीय यूनियन का बयान
यूरोपीय यूनियन (EU) ने भी दक्षिण एशिया में तनाव को खतरनाक बताते हुए दोनों देशों को तत्काल बातचीत की टेबल पर लौटने की सलाह दी है। EU का कहना है कि सीमा पार आतंक एक गंभीर चुनौती है, लेकिन इसका हल कूटनीति से निकलना चाहिए।
🌏 भारत का सख्त संदेश
भारत की ओर से साफ कर दिया गया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखेगा और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि आतंक से लड़ना हर देश का अधिकार है, और अगर पाकिस्तान अपने आतंकियों पर लगाम नहीं लगाएगा, तो भारत मजबूर होकर जवाबी कदम उठाएगा।
दुनिया के बड़े-बड़े देश इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती तनातनी को लेकर चिंतित हैं, लेकिन भारत की स्थिति साफ है — राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि। भारत अपनी सीमाओं और नागरिकों की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा, चाहे अंतरराष्ट्रीय दबाव कितना भी क्यों न हो।