22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों सहित एक नेपाली नागरिक की भी दर्दनाक मौत हो गई। ज्यादातर मृतक विभिन्न राज्यों से आए पर्यटक थे, जो खूबसूरत घाटी में सुकून के कुछ पल बिताने आए थे।
अब इस हमले के बाद देश में गुस्से की लहर है और पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई की मांग ज़ोर पकड़ रही है। भारत सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
भारत की कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्तान
भारत की रणनीतिक और कड़ी प्रतिक्रिया से पाकिस्तान घबरा गया है और अब सिर्फ गीदड़ भभकियों पर उतर आया है। भारत में गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और बीएसएफ, एनएसजी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में सीमा की चौकसी और आतंकी गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने के लिए आवश्यक रणनीति पर चर्चा हुई।
संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक नेताओं का समर्थन
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा कि, “भारत दशकों से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है और जानता है कि इसका शिकार होने वाले परिवारों और समाज पर दीर्घकालिक असर पड़ता है।”
भारत की इस पीड़ा को दुनिया ने भी समझा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाना ही होगा।
इन देशों ने जताई एकजुटता
आतंकी हमले की वैश्विक स्तर पर आलोचना हुई। इन प्रमुख नेताओं ने भारत के साथ खड़े होकर आतंकवाद के खिलाफ अपना समर्थन जताया:
- 🇺🇸 अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस
- 🇷🇺 रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
- 🇬🇧 ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर
- 🇮🇹 इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी
- 🇫🇷 फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों
- 🇮🇱 इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू
- 🇺🇳 संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस
NIA की जांच और खुलासे
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) हमले की गहराई से जांच कर रही है। अभी तक की जांच में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन TRF की संलिप्तता सामने आई है। इस हमले को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया और इसमें स्थानीय सहयोग की भी संभावना जताई जा रही है।
देश की जनता एकजुट
देश की जनता इस समय आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में खड़ी है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की मांग ज़ोर पकड़ रही है। आम नागरिक से लेकर राजनेता, सब एक सुर में कह रहे हैं—“अब चुप रहना विकल्प नहीं है।”
पहलगाम हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, अखंडता और सहनशीलता की परीक्षा है। लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अब सिर्फ जवाब नहीं, हिसाब भी लेगा।