जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस हमले में भारतीय सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की शहादत ने एक बार फिर आतंकी चुनौतियों और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर बहस को तेज कर दिया है। वहीं, इस संवेदनशील मुद्दे पर सियासी घमासान भी ज़ोर पकड़ने लगा है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस हमले को लेकर कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों की तुलना सीधे पाकिस्तान के मंत्रियों के बयानों से कर दी।

सुधांशु त्रिवेदी का कांग्रेस पर बड़ा आरोप
एक प्रेस वार्ता में सुधांशु त्रिवेदी ने कहा,
“यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज जब देश में आतंकवादी घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है, उस समय कांग्रेस के नेता वही भाषा बोल रहे हैं जो पाकिस्तान के रक्षा, विदेश और गृह मंत्री बोलते हैं।“
उन्होंने विशेष रूप से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान को निशाने पर लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि “युद्ध कोई विकल्प नहीं होना चाहिए।” त्रिवेदी ने कहा कि सिद्धारमैया का यह बयान न केवल पाकिस्तान के दृष्टिकोण को समर्थन देता है, बल्कि देश की सुरक्षा नीतियों को भी कमजोर करता है।
त्रिवेदी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता अब पाकिस्तान के मीडिया में हीरो बन गए हैं, जहां पाकिस्तानी चैनल उनके बयानों का हवाला देकर भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्यों उठे सवाल?
सुधांशु त्रिवेदी का सीधा आरोप है कि कांग्रेस की भाषा और सोच, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर पाकिस्तान समर्थक नजर आ रही है। उन्होंने कहा,
“आज देश एक निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है — आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ। ऐसे समय में कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टी का नेतृत्व देश के मनोबल को गिराने वाले बयान दे रहा है। यह बहुत गंभीर और दुखद स्थिति है।“
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस जानबूझकर देश के भीतर राजनीतिक अस्थिरता और भ्रम फैलाना चाहती है?
पहलगाम आतंकी हमला: एक झकझोर देने वाली घटना
इस बीच, पहलगाम में जो हुआ वह दिल दहला देने वाला था। बर्फ से ढके सुंदर बईसारन घास के मैदान में अचानक हुई फायरिंग में न केवल जवानों की, बल्कि कई निर्दोष नागरिकों की भी जान चली गई। यह हमला भारत की आतंरिक सुरक्षा के लिए एक बार फिर चेतावनी है कि आतंकवाद को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरती जा सकती।
कांग्रेस की सफाई
कांग्रेस नेताओं ने सुधांशु त्रिवेदी के आरोपों को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि वे केवल शांति और बातचीत के रास्ते को प्राथमिकता देने की बात कर रहे हैं। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि भारत की अखंडता और संप्रभुता पर उनका पूरा विश्वास है।
हालांकि, बीजेपी का आरोप है कि संकट के समय ऐसी भाषा बोलना, सीधे-सीधे पाकिस्तान के एजेंडे को बल देने जैसा है।
निष्कर्ष
पहलगाम हमले ने जहां एक ओर देश को एकजुट करने की जरूरत को रेखांकित किया है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक बयानबाजियों ने इस दर्दनाक घटना पर भी राजनीति गर्म कर दी है। सुधांशु त्रिवेदी के तीखे हमले और कांग्रेस के जवाब से साफ है कि आने वाले दिनों में यह बहस और भी तेज हो सकती है।
देश के नागरिकों को अब तय करना होगा कि संकट के समय वे किसके साथ खड़े हैं — सुरक्षा बलों और देशभक्तों के साथ, या फिर उन बयानों के साथ जो देश के मनोबल को तोड़ते हैं।