21 जुलाई से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र: 8 नए बिल, संघर्ष और संवैधानिक बहस

🗓️ सत्र की रूपरेखा

  • आरंभ: 21 जुलाई 2025
  • समापन: 21 अगस्त 2025
  • कुल बैठकें: 21
  • बीच में अवकाश: 12–18 अगस्त

📜 संसद में लाए जा रहे 8 नए बिल

  1. मणिपुर उत्पाद एवं सेवा कर (संशोधन) बिल, 2025 – GST कानून में बदलाव
  2. टैक्सेशन लॉज (संशोधन) बिल, 2025 – कर कानूनों में सुधार
  3. जन विश्वास (संशोधन) बिल, 2025 – व्यापार सुगमता के लिए
  4. भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) बिल, 2025 – नए IIM की स्थापना
  5. भू-लोक संवर्धन संरक्षण (Geoheritage) बिल, 2025 – प्राकृतिक धरोहरों की सुरक्षा
  6. खनिज एवं खनिज (विकास व विनियमन) संशोधन बिल, 2025 – खनन सुधार
  7. राष्ट्रीय खेल संचालन बिल, 2025 – खेल प्रशासन में पारदर्शिता
  8. राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) बिल, 2025 – वैश्विक मानकों के अनुरूप नियम

🔄 लंबित और प्रस्तावित विधेयक

  • आयकर बिल, 2025 – पारदर्शिता व सरलीकरण के उद्देश्य से, प्रस्तावित लागू तिथि: 1 अप्रैल 2026
  • भारतीय बंदरगाह विधेयक, आवश्यक भूमि अधिग्रहण संशोधन जैसे कई अन्य विधेयकों पर भी चर्चा की संभावना

⚖️ सत्र में गर्म मुद्दे

  • बिहार मतदाता सूची विवाद – विपक्ष ने इसे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल बताया
  • न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर बहस – न्यायमूर्ति से जुड़े विवादित मामले
  • आतंकी घटनाओं पर चर्चा – पाहलगाम हमला और उसके जवाब में सैन्य ऑपरेशन
  • मणिपुर में राष्ट्रपति शासन – प्रस्ताव संसद में लाने की संभावना

💰 नया आयकर विधेयक: एक नजर में

  • ‘आकलन वर्ष’ की जगह ‘टैक्स ईयर’ की अवधारणा
  • कर उसी वर्ष में भरना होगा जिसमें आय प्राप्त हुई
  • अप्रासंगिक कर प्रावधान जैसे ‘फ्रिंज बेनिफिट टैक्स’ हटाए जाएंगे
  • उद्देश्य: करदाताओं के लिए नियमों का सरलीकरण

🧭 निष्कर्ष: मानसून सत्र की अहमियत

  • विधायी स्तर पर: यह सत्र कई बड़ी सुधार योजनाओं का मार्ग प्रशस्त कर सकता है
  • राजनीतिक दृष्टिकोण से: विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस की संभावना
  • जन अपेक्षा: सार्थक बहस, पारदर्शिता और जिम्मेदारी से पूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया

संसद का यह मानसून सत्र केवल विधेयकों का विषय नहीं, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता और राजनीतिक जिम्मेदारी की परीक्षा भी होगा।