प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अपनी विदेश यात्रा से भारत लौटे, तो उन्होंने नई दिल्ली के एयरपोर्ट पर कदम रखते ही एक आपात बैठक बुलाई। यह असामान्य स्थिति सभी के लिए चौंकाने वाली थी, क्योंकि आमतौर पर इस तरह की उच्चस्तरीय बैठकें प्रधानमंत्री कार्यालय या साउथ ब्लॉक में होती हैं। लेकिन हालात की गंभीरता को देखते हुए यह मीटिंग तुरंत एयरपोर्ट पर ही आयोजित की गई।
इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि यह मीटिंग राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से संबंधित किसी बड़े घटनाक्रम को लेकर बुलाई गई थी, हालांकि सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने उतरते ही सबसे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों को ब्रीफिंग के लिए बुलाया। इस बैठक में कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को लेकर भारत की स्थिति पर चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि Pahalgam में हुए हमले और उसमें घायल हुए पर्यटकों की स्थिति पर भी चर्चा हुई।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदलते परिदृश्य, चीन-पाकिस्तान की गतिविधियां और भारत की रणनीतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। अजीत डोभाल और एस. जयशंकर की मौजूदगी से यह साफ है कि मुद्दा केवल आंतरिक सुरक्षा से ही नहीं, बल्कि विदेश नीति और सामरिक रणनीति से भी जुड़ा हुआ है।
यह मीटिंग यह भी दर्शाती है कि प्रधानमंत्री मोदी किसी भी राष्ट्रीय मुद्दे को लेकर कितने सजग और तत्पर रहते हैं। यह एक और उदाहरण है जब उन्होंने समय की परवाह किए बिना तुरंत निर्णय लेने और ज़मीनी हालात को समझने की प्राथमिकता दी।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस मीटिंग से जुड़े निर्णय और रणनीतियाँ सार्वजनिक की जा सकती हैं। फिलहाल, इस आपात बैठक ने देशभर में एक गंभीर माहौल जरूर बना दिया है, और सभी की निगाहें सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।