मध्य प्रदेश के इंदौर की त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर दिया है। रेजा रघुवंशी और उनकी नवविवाहिता पत्नी सोनम रघुवंशी मेघालय में हनीमून के लिए गए थे, लेकिन 23 मई की सुबह से ही वे गायब हो गए। 2 जून को रघुवंशी की लाश एक गहरे घाटी में मिली, उसके पास एक ‘डाओ’ (चाकू जैसी धारदार वस्तु) और फोन भी रखा था ।
हत्या का षड्यंत्र: पत्नी, प्रेमी और साजिश
अपराध की तह तक जाने पर सामने आया कि सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर यह हत्या रची। पुलिस ने आरोप लगाया कि सोनम ने ग्वाहाटी में डाओ मंगवाया, जिसकी मदद से रघुवंशी को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई गई ।
23 मई की सुबह, जब जोड़ा वीसादोंग फॉल्स के पास अकेले पहुँचा, तो तीन साजिशकर्ताओं — अकाश राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुर्मी — वहां मौजूद थे। इन महत्त्वपूर्ण फ़रियादियों को सोनम के प्रेमी राज ने पैसे देकर नियोजित किया ।
आरोप और गिरफ्तारी
2 जून को शव मिलने के बाद पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। सोनम 16 दिन तक नदारद रहीं। 9 जून को वह यूपी के घाज़ीपुर में स्थित ‘काशी ढाबा’ पर पुलिस की निगरानी में खुद पेश हुई और गिरफ्तार हुई ।
इंडोर और यूपी की पुलिस ٹیمों के संयुक्त संचालन में चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया: सोनम, राज कुशवाहा, अकाश राजपूत, विशाल सिंह और आनंद कुर्मी । इनके सभी को 7-दिन की ट्रांज़िट रिमांड पर शिलॉन्ग ले जाया गया ।
साक्ष्य और पूछताछ
- डाओ गवाहों और सीसीटीवी फुटेज से जुड़ी जानकारी बतारी गई।
- पुलिस ने पाया कि सोनम ने अपना लोकेशन लगातार राज को भेजा।
- गवाह अल्बर्ट पीडे ने बताया कि उसने सोनम और राजा को तीन अज्ञात लोगों के साथ देखा ।
- पोस्टमार्टम में राजा के सिर में गंभीर चोटें पाई गईं ।
परिवार की प्रतिक्रिया व सामूहिक मांग
राजा के परिवार ने सोनम और आरोपितों के खिलाफ CBI जांच की मांग की है। लेकिन सोनम के पिता का कहना है कि बेटी निर्दोष है और सिर्फ फँसाई गई है ।
केस का विश्लेषण और आगे की प्रक्रिया
- यह मामला एक योजनाबद्ध हत्या का प्रमाण है — प्री-प्लांडेड अटैक।
- पत्नी और प्रेमी का गठजोड़ अपराध की जटिलता को दर्शाता है।
- सोनम और अन्य आरोपियों की शिलॉन्ग में लंबी पूछताछ होगी; CBI ट्रांसफर की उम्मीद जताई जा रही है।
- आखिरकार, अदालत में मर्डर, षड्यंत्र, हथियारों की आपूर्ति समेत भारी अपराधों के आरोप तय होंगे।
निष्कर्ष
रघुवंशी-Honeymoon murder case न केवल एक दुखद आपराधिक घटना है, बल्कि यह समाज में छिपे गर्भ संबंधों, भ्रष्ट मानसिकता और विलुप्त पारिवारिक मूल्यों का आईना भी है। यह घटना हमें यह सन्देश देती है कि क्यों हमें मनोवैज्ञानिक और कानूनी शिक्षा को मजबूत करना चाहिए — ताकि घर-बाहर हिंसा और षड्यंत्र की ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।