GST में बड़ी छूट संभव: घी, साबुन, जूते‑चप्पल सहित रोजमर्रा के सामान हो सकते हैं सस्ते

केंद्र सरकार ने हाल ही में GST स्लैब में बड़े बदलाव पर विचार करना शुरू किया है, जो आगामी GST Council की 56वीं बैठक में प्रस्तावित हो सकता है। इस सुधार का उद्देश्य विशेष रूप से मध्यम और निम्न‑आय वर्गों को राहत पहुँचाना है।


क्या प्रस्तावित है?

सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है:

  • 12% GST स्लैब को पूरी तरह खत्म करना और उसमें शामिल सामानों को या तो 5% स्लैब में शिफ्ट करना।
  • या वैकल्पिक रूप से, कुछ विशेष दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर 12% से सीधे 5% कर देना

यदि कोई भी प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो इसका असर घर‑घर तक महसूस होगा।


कौन-कौन से आइटम्स शामिल हैं?

वे सामान जो अक्सर 12% GST स्लैब में आते हैं और रोजमर्रा के उपयोग में होते हैं:

  • घी, मक्खन, साबुन, टूथपेस्ट, टूथपाउडर
  • जूते‑चप्पल (₹500‑1,000 की रेंज), रेडीमेड कपड़े (₹1,000 से ऊपर)
  • बर्तन, किचन उपकरण जैसे प्रेशर कुकर, कढ़ाई, लोहा, गीजर, छोटे वॉशिंग मशीन
  • कृषि उपकरण, छोटे बिजली उपकरण, वैक्सीन्स, स्टेशनरी जैसे डायरी, रूलर, स्केच बुक आदि

यदि यह स्लैब घटकर 5% या उससे भी कम हो जाए, तो इन वस्तुओं की कीमत में 6–7% तक की कमी आएगी – जो प्राथमिक रूप से मध्यम‑वर्गीय परिवारों को राहत देगी।


इसका महत्व क्यों है?

  • जनता के बजट में राहत: रोजमर्रा की चीज़ों पर कर दर घटने से ऊंचे महँगाई दबाव को कम किया जा सकेगा।
  • खपत बढ़ेगी: सस्ता माल खरीदने से घरों का खर्च घटेगा और बाज़ार में बिक्री बढ़ेगी, जिससे सरकार को लंबे समय में कर राजस्व में स्थिरीकरण हो सकता है।
  • राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण: चुनाव पूर्व तैयारी के रूप में यह कदम 2025‑26 में महत्वपूर्ण मुददा बन सकता है।

राज्य और GST Council की भूमिका

GST में किसी भी बदलाव के लिए GST Council की सहमति अनिवार्य है, जिसमें केन्द्र और सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।
कुछ राज्यों ने इसे लेकर चिंता व्यक्त की है और राष्ट्रीय निर्णय के लिए सर्वसम्मति आवश्यक होगी।
बैठक इस महीने के अंत तक संभव है।


क्या सस्ता हो सकता है और कितना?

सामानवर्तमान GSTसंभावित नया GST (5%)संभावित बचत
घी, मक्खन, साबुन12%5%~7% या अधिक
टूथपेस्ट, टूथपाउडर12%5%~7%
जूते‑चप्पल, रेडीमेड कपड़े12%5%कुछ प्रतिशत तक
किचन उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स12%5%कीमतें घटेंगी

(नोट: वास्तविक बचत उत्पाद की बुनियादी कीमत पर निर्भर करेगी)


निष्कर्ष

अगर यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो यह GST प्रणाली में 2017 के बाद हुए सबसे बड़े सुधारों में से एक होगा।
इस बदलाव से मध्यम और निम्न‑आय वर्गों को प्रत्यक्ष राहत मिलेगी, साथ ही अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा मिलेगा।

हालांकि अभी तक कोई अधिकारिक फैसला नहीं हुआ है, लेकिन चर्चा तेज़ है और GST Council की आगामी बैठक में यह बड़ा निर्णय सामने आ सकता है।