भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आठ जासूसों को हिरासत में लिया है, जिन पर पाकिस्तान को गोपनीय और संवेदनशील जानकारियां भेजने का गंभीर आरोप है। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने भारतीय सुरक्षा तंत्र, सैन्य ठिकानों और रणनीतिक सूचनाओं से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को भेजी थीं।
कैसे हुआ खुलासा?
सूत्रों के मुताबिक, इन जासूसों के खिलाफ कई हफ्तों से जांच चल रही थी। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, कॉल ट्रेसिंग और इंटरसेप्टेड संचार के आधार पर एजेंसियों को पुख्ता सबूत मिले। इसके बाद देशभर में अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर इन्हें पकड़ा गया।
क्या थी इनकी भूमिका?
गिरफ्तार किए गए लोगों में कुछ सरकारी विभागों में काम कर चुके कर्मचारी भी शामिल हैं। इन पर आरोप है कि ये संवेदनशील डाटा, नक्शे और दस्तावेजों को डिजिटल माध्यम से पाकिस्तान भेजते थे। कुछ लोगों को इसके बदले मोटी रकम भी मिली।
किन-किन धाराओं में केस?
इन सभी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित कानूनों और जासूसी निरोधक अधिनियम (Official Secrets Act) के तहत केस दर्ज किया गया है। इनसे पूछताछ जारी है और माना जा रहा है कि इससे पाकिस्तान की जासूसी नेटवर्क के और भी छोर सामने आ सकते हैं।
सरकार का क्या कहना है?
सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं और देश की संप्रभुता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्रालय भी पूरे मामले की निगरानी कर रहा है।
यह गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। ऐसे में यह मामला दोनों देशों के संबंधों पर और असर डाल सकता है।