CJI गवई ने गर्मी की छुट्टियों में पैनल न बनने पर जताई नाराज़गी, कहा – “हम यहां गर्मी में बैठे हैं और कुछ लोग छुट्टियों पर!”
विवरण:
सुप्रीम कोर्ट में उस समय गहमागहमी बढ़ गई जब मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की गैरमौजूदगी में कार्यवाहक CJI के रूप में कार्यरत न्यायमूर्ति संजय करोल की बेंच में न्यायमूर्ति बी आर गवई ने सख्त टिप्पणी करते हुए नाराज़गी ज़ाहिर की।
घटना का पूरा विवरण:
दरअसल, कोर्ट में गर्मियों की छुट्टियों के दौरान एक पैनल की ज़रूरत थी ताकि कुछ मामलों की सुनवाई की जा सके, लेकिन वह पैनल नहीं बनाया गया। इस पर जस्टिस गवई भड़क उठे और उन्होंने तीखे लहजे में कहा:
“हम यहां गर्मी में काम कर रहे हैं और कुछ लोग छुट्टियों पर चले गए हैं। कोर्ट को काम करना है, हम छुट्टियों पर नहीं आए हैं!”
यह टिप्पणी सीधे उन न्यायाधीशों की ओर थी जो गर्मियों की छुट्टियों में लंबी छुट्टियों पर चले गए हैं, जबकि कुछ ज़रूरी मामलों की सुनवाई जारी है।
कोर्ट का कामकाज और आलोचना:
गर्मी की छुट्टियों के बावजूद सुप्रीम कोर्ट में कई आवश्यक और अर्जेंट मामलों की सुनवाई जारी रहती है। इसके लिए छुट्टीकालीन पीठ (vacation bench) बनाई जाती है। ऐसे में अगर पर्याप्त न्यायाधीश मौजूद नहीं होंगे, तो मामलों की सुनवाई पर असर पड़ सकता है।
क्यों है यह मुद्दा अहम?
सुप्रीम कोर्ट के कामकाज का सीधा असर देशभर की न्याय व्यवस्था पर पड़ता है। जब उच्चतम न्यायालय में ज़रूरी मामलों की सुनवाई नहीं हो पाती, तो आम लोगों की उम्मीदें टूटती हैं।
CJI गवई की नाराज़गी इस बात को दर्शाती है कि न्यायपालिका में अनुशासन और ज़िम्मेदारी कितनी अहम है। सुप्रीम कोर्ट जैसे सर्वोच्च संस्थान में भी अगर गर्मियों की छुट्टियों में आवश्यक व्यवस्थाएं न हों, तो यह सवाल उठाता है – क्या न्याय व्यवस्था को और चुस्त करने की ज़रूरत है?
