पटना, 5 अगस्त 2025: बिहार में चुनावी हलचल तेज हो गई है और इस बार चर्चा का केंद्र बने हैं राजद नेता तेजस्वी यादव। उन्होंने दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है, लेकिन इस दावे के साथ जो वोटर आईडी नंबर उन्होंने साझा किया, वह फर्जी निकला। अब उन पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप है और चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेज दिया है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची से गायब है और उन्होंने एक EPIC नंबर दिखाया। लेकिन चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उस नंबर से कोई जानकारी नहीं मिली। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताया और आरोप लगाया कि SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के तहत लाखों नाम काटे जा रहे हैं।
चुनाव आयोग की सफाई
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी का वैध EPIC नंबर कुछ और है और उनका नाम वोटर लिस्ट में पूरी तरह मौजूद है। आयोग ने यह भी कहा कि जो EPIC उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया, वह रजिस्टर ही नहीं था।
अब चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है और कहा है कि वे अपना कार्ड आयोग को सौंपें ताकि उसकी जांच की जा सके।
कानूनी कार्रवाई की मांग
एक वकील ने पटना के दीघा थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें तेजस्वी पर दो EPIC कार्ड रखने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में अभी FIR दर्ज नहीं हुई है लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच आगे बढ़ सकती है।
तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया
तेजस्वी ने कहा कि उनके पास बूथ लेवल रिपोर्ट है, जिससे साबित होता है कि लाखों नाम हटाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे यह मामला अदालत में ले जाएंगे और चुनाव आयोग से निष्पक्षता की उम्मीद नहीं रखते।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
- बीजेपी नेताओं ने तेजस्वी पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है और कहा कि अगर नेता के पास दो वोटर कार्ड हैं, तो बाकी जनता के साथ क्या हो सकता है!
- विपक्षी दलों ने इसे जनता के मताधिकार का हनन बताया है और आरोप लगाया है कि सरकार चुनिंदा वोटर्स को हटाने की कोशिश कर रही है।
- वहीं चुनाव आयोग ने कहा कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने औपचारिक आपत्ति दर्ज नहीं कराई है, जबकि व्यक्तिगत स्तर पर 1900 से अधिक दावे आपत्ति आए हैं।
निष्कर्ष
- यह मामला सिर्फ तेजस्वी यादव के दो वोटर कार्ड तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बिहार में चुनावी पारदर्शिता, मतदाता अधिकार और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल है।
- आने वाले दिनों में यह विवाद राजनीतिक रूप से और गरमाने वाला है, विशेषकर तब, जब विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं।